Budget 2025: न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के बीच बना रहेगा अंतर, राहत के लिए हो सकते हैं ये बड़े ऐलान

बजट 2025 के दौरान सरकार न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम के बीच अंतर बनाए रखेगी, और न्यू टैक्स रिजीम में ओल्ड की तरह कोई छूट नहीं दी जाएगी. हालांकि, टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए सरकार बड़े ऐलान कर सकती है.

न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के बीच बरकरार रहेगा अंतर Image Credit: Freepik

Budget 2025: बजट के दौरान सरकार न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के अंतर को बरकरार रख सकती है. सरकार न्यू टैक्स रिजीम में ओल्ड की तरह कोई छूट नहीं देगी क्योंकि सरकार का मानना है कि इसके बाद दोनों में कोई खास अंतर नहीं रहेगा. हालांकि, सरकार बजट के दौरान टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है, जिसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाना, हेल्थ इंश्योरेंस और पेंशन पर छूट देने का ऐलान हो सकता है. इसके अलावा, सरकार टैक्स स्लैब में भी बदलाव कर सकती है.

राहत की मांग कर रहे लोग

बजट के दौरान एक्सपर्ट और आम लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार मिडिल क्लास को राहत दे और इस साल भी इनकम टैक्स में कुछ छूट प्रदान करें. पिछले साल सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹75,000 तक बढ़ाया था और टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया था.

इस साल के बजट से उम्मीदें

बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को और बढ़ाने की चर्चा हो रही है ताकि टैक्सपेयर्स को राहत मिल सके. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार मिडिल क्लास को राहत देने के लिए टैक्स रेट कम करने पर विचार कर रही है. सरकार नई टैक्स रिजीम में स्लैब को बदलने पर भी विचार कर रही है. इसके अलावा ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत स्वास्थ्य बीमा और पेंशन जैसे महत्वपूर्ण खर्चों पर अधिक टैक्स छूट देने पर भी विचार किया जा रहा है.

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एसबीआई रिपोर्ट की सिफारिशें

बजट से पहल एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कुछ सिफारिशें की है जिसमें स्वास्थ्य बीमा पर ₹50,000 तक और एनपीएस (NPS) योगदान पर ₹75,000 या ₹1 लाख तक की छूट देने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा रिपोर्ट में टैक्स के बारें में भी सुझाव दिया गया है.

होम लोन पर छूट

नई टैक्स रिजीम में होम लोन पर लाभ देने के सुझाव भी दिए गए हैं. हालांकि, सरकार नई टैक्स रिजीम में छूट और लाभ जोड़ने से बचना चाहती है, क्योंकि इससे यह फिर से पुरानी रिजीम जैसी हो सकती है. सरकार चाहती है कि टैक्सपेयर्स के पास दोनों विकल्प उपलब्ध हों और वे अपने लिए फायदेमंद विकल्प चुन सकें.