12 लाख तक इनकम है टैक्स फ्री, इस चक्कर में ना कर दें ये गलती, नहीं तो देना पड़ेगा जमकर टैक्स
फाइनेंस बिल 2025 के अनुसार सेक्शन 87A में कैपिटल गेन को टैक्स छूट की कैलकुलेशन से बाहर रखा गया है. नई टैक्स छूट सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई, और अधिकतम छूट ₹60,000 तक कर दी गई. बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट ₹4 लाख होगी.
Income-tax rebate calculation:फाइनेंस बिल 2025 के तहत सेक्शन 87A में प्रस्तावित इनकम टैक्स छूट की कैलकुलेशन में कैपिटल गेन शामिल नहीं किए जाएंगे. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने यह साफ कर दिया है कि सेक्शन 111A और 112 के तहत टैक्स योग्य कैपिटल गेन को न्यू टैक्स रिजीम में सेक्शन 87A की छूट में नहीं गिना जाएगा.
इसका मतलब यह है कि 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स जीरो तभी मान्य होगा जब आपकी आय **सेक्शन 111A और 112 के तहत नहीं आती हो. यदि आपकी इनकम इन दोनों सेक्शनों के तहत आती है, तो उस पर स्पेशल रेट से टैक्स लगाया जाएगा. यानी इस मुगालते में मत रहिए कि आपने अगर लॉटरी, घुड़दौड़ और इस तरह के दूसरे तरीके से कमाई की है तो वह 12 लाख तक की इनकम पर मिलने वाली जीरो टैक्स के दायरे में आएगी.
ऐसे समझिए
उदाहरण के लिए, यदि आपकी सैलरी 6 लाख रुपये है और अतिरिक्त 6 लाख रुपये की इनकम सेक्शन 111A और 112 (जैसे कि लॉटरी से प्राप्त राशि) के तहत आती है, तो इस 6 लाख रुपये पर स्पेशल रेट से टैक्स लगेगा. इसका मतलब यह है कि आपकी कुल आय (6+6 = 12 लाख रुपये) को जोड़कर उसे पूरी तरह टैक्स-फ्री नहीं माना जाएगा. सैलरी से आ रही इनकम टैक्स फ्री रहेगी जबकि सेक्शन 111A और 112 वाली इनकम पर टैक्स देना होगा.
सेक्शन 87A में क्या बदलाव हुए?
सेक्शन 87A में किए गए बदलावों के तहत टैक्स छूट के लिए पात्र आय सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है. इसके अलावा, अधिकतम रिबेट 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है, जिससे टैक्सपेयर्स को अधिक राहत मिलेगी. साथ ही, बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट (बिना कर वाली आय सीमा) को 4 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे न्यू टैक्स रिजीम के तहत कम आय वालों को टैक्स फ्री लाभ मिलेगा.
कैसे होगी नई टैक्स कैलकुलेशन?
नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स जीरो होगा:
इनकम लिमिट | टैक्स रेट | देय कर (₹) |
---|---|---|
₹4 लाख रुपये तक | 0% | 0 |
₹4 लाख रुपये – ₹12 लाख रुपये | तय स्लैब के अनुसार | ₹60,000 |
सेक्शन 87A के तहत छूट | – | ₹60,000 |
कुल टैक्स देय | – | 0 |
ओल्ड टैक्स रिजीम पर कोई असर नहीं
CBDT के अनुसार, ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. सरचार्ज और एजुकेशन सेस में भी कोई संशोधन नहीं हुआ है. हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम (सेक्शन 115BAC) के तहत टैक्स स्लैब और दरों में संशोधन किया गया है.
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ये इनकम सेक्शन 87A में नहीं होंगे शामिल
CBDT ने कहा कि जिन एसेट की Income Tax Act 1961 के तहत विशेष दरों पर कर कैलकुलेशन होती है, जैसे कि कैपिटल गेन (Capital Gains) सेक्शन 111A और 112, उन्हें 87A की कैलकुलेशन में शामिल नहीं किया जाएगा.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब (आकलन वर्ष 2026-27)
टोटल इनकम (₹) | टैक्स रेट |
---|---|
₹4,00,000 तक | कर मुक्त (Nil) |
₹4,00,001 – ₹8,00,000 | 5% |
₹8,00,001 – ₹12,00,000 | 10% |
₹12,00,001 – ₹16,00,000 | 15% |
₹16,00,001 – ₹20,00,000 | 20% |
₹20,00,001 – ₹24,00,000 | 25% |
₹24,00,000 से अधिक | 30% |