आपकी जेब से निकला टैक्स सरकार कैसे खर्च करती है, समझें क्या है पूंजीगत और राजस्व व्यय का पूरा गणित

क्या आपने कभी सोचा है कि सरकार आपके टैक्स का पैसा कहां खर्च करती है? कुछ खर्च देश के विकास के लिए होते हैं तो कुछ रोजमर्रा की जरूरतों के लिए. इस खबर में हम सरकारी खर्च के दो अहम हिस्सों को समझेंगे.

टैक्स का इस्तेमाल कैसे होता है Image Credit: Getty Images

Capital expenditure vs Revenue expenditure: जब भी सरकार बजट पेश करती है तो एक सवाल हमेशा उठता है कि आखिर जनता के टैक्स का पैसा कहां खर्च होता है? सरकार के खर्च को दो मुख्य भागों में बांटा जाता है—पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) और राजस्व व्यय (Revenue Expenditure). ये दोनों खर्च देश की अर्थव्यवस्था के सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन इनका उद्देश्य और प्रभाव दोनों अलग-अलग होता है.

पूंजीगत व्यय

पूंजीगत व्यय वह खर्च है जिससे लंबे समय तक उपयोगी परिसंपत्तियां (Assets) बनाई जाती हैं. सरकार इस खर्च के तहत सड़क, पुल, पावर प्लान्ट, रेलवे, स्कूल और अस्पतालों जैसे बुनियादी ढांचों का निर्माण करती है. पूंजीगत व्यय से नए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं, देश का बुनियादी ढांचा मजबूत होता है और निजी निवेश आकर्षित होता है. यह दीर्घकालिक आर्थिक विकास (Long-term Growth) का आधार तैयार करता है.

क्या-क्या शामिल होता है?

  • सड़क, रेल, मेट्रो, पुल और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट
  • सरकारी मशीनरी की खरीद
  • सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSU) में निवेश

अगर सरकार सड़कें बनाएगी तो आपकी यात्रा का समय कम होगा. नई बिजली परियोजनाएं शुरू होंगी तो बिजली कटौती से राहत मिलेगी. कुल मिलाकर, यह खर्च आपके जीवन को आसान और सुविधाजनक बनाता है.

राजस्व व्यय

राजस्व व्यय वह खर्च है जो सरकार की दैनिक जरूरतों और अनिवार्य सेवाओं को जारी रखने के लिए किया जाता है. यह खर्च नए परिसंपत्तियां (Assets) नहीं बनाता लेकिन मौजूदा सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी होता है.

क्या-क्या शामिल होता है?

  • सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन
  • सब्सिडी (जैसे LPG गैस, उर्वरक, खाद्य पदार्थों पर दी जाने वाली रियायतें)
  • सरकारी कर्ज पर ब्याज भुगतान

राजस्व व्यय देश की आवश्यक सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद करता है. हालांकि, यह सीधे किसी संपत्ति का निर्माण नहीं करता. अगर सरकार शिक्षकों, डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों को वेतन नहीं देगी, तो स्कूल, अस्पताल और कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकते हैं. इसी तरह, सब्सिडी से रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतें नियंत्रण में रहती हैं, जिससे आम आदमी को सीधा फायदा मिलता है.

कैसे जुड़े हैं दोनों खर्च?

पूंजीगत और राजस्व व्यय एक-दूसरे के पूरक हैं. उदाहरण के लिए, सरकार अगर एक अस्पताल बनाती है तो यह पूंजीगत व्यय है, लेकिन उस अस्पताल में डॉक्टरों की सैलरी देना राजस्व व्यय है. बिना राजस्व व्यय के, पूंजीगत व्यय से बनी परिसंपत्तियां काम नहीं कर पाएंगी.

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सरकार के लिए दोनों प्रकार के खर्च महत्वपूर्ण हैं. पूंजीगत व्यय भविष्य की आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करता है जबकि राजस्व व्यय वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करता है. एक संतुलित बजट में दोनों का सही अनुपात जरूरी होता है, ताकि देश का आर्थिक विकास तेजी से आगे बढ़ सके और आम जनता को इसका पूरा लाभ मिल सके.