अनलिमिटेड नहीं है बैंक खाते से पैसे का यूज, जानें कब कितना लगता है टैक्स; ये है जमा-निकालने के सारे नियम

सेविंग अकाउंट में आप अपनी सारे बचत को जमा कर सकते हैं लेकिन क्या आपको ये पता है इसमें बचत जम करने की एक लिमिट भी होती है जिसे इनकम टैक्स के नियमों के तहत तय किया गया है. इसके अलावा, नकद विड्रॉल पर भी टैक्स नियम लागू होते हैं. यहां जानें क्या है इनकम टैक्स से जुड़े सारे नियम जो आपको किसी भी झंझट से बचा लेंगे.

बचत खाते में कितना जमा कर सकते हैं? Image Credit: Freepik

Income Tax: UPI आने के बाद से सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल रोजमर्रा होने लग गया है. लेकिन सेविंग अकाउंट या बचत खाते का इस्तेमाल करने की भी एक लिमिट है. फिर चाहे इसमें पैसा जमा करना हो, पैसा निकलना हो या सेविंग अकाउंट से ट्रांजेक्शन करना हो. अगर आप लिमिट से ज्यादा इसका इस्तेमाल कर लेते हैं तो इनकम टैक्स की नजरें इस पर पड़ सकती है. इसलिए जरूरी है कि आपको इससे संबंधित इनकम टैक्स के हर नियमों की पुख्ता जानकारी होनी चाहिए. चलिए जानते हैं.

सेविंग आकाउंट या बचत खाते में नकद जमा करने की सीमा होती है. यह सीमा इनकम टैक्स के नियमों के तहत तय की गई है ताकि नकद लेनदेन की निगरानी की जा सके और काले धन, टैक्स चोरी और अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोका जा सके.

नकद जमा से जुड़े नियम

इनकम टैक्स एक्ट के तहत, नकद लेनदेन को लेकर कुछ खास नियम बनाए गए हैं. यदि कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में कुल मिलाकर 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि जमा करता है, तो इसे टैक्स अधिकारियों को सूचित करना जरूरी होता है.

वहीं, बिजनेस के लिए इस्तेमाल में आने वाले करेंट अकाउंट के मामले में यह सीमा 50 लाख रुपये रखी गई है.

हालांकि, इन जमा राशियों पर तुरंत टैक्स नहीं लगता, लेकिन बैंक और बाकी वित्तीय संस्थानों को यह जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है.

नकद विड्रॉल पर टैक्स नियम

सेक्शन 194N के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक नकद निकालता है, तो उस पर 2% TDS यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स काटा जाएगा. लेकिन अगर पिछले तीन वर्षों से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा गया है, तो यह नियम और सख्त हो जाता है. ऐसे मामलों में:

  • 20 लाख रुपये से अधिक के कैश विड्रॉल पर 2% TDS लगेगा.
  • 1 करोड़ रुपये से अधिक के विड्रॉल पर 5% TDS काटा जाएगा.

हालांकि सेक्शन 194N के तहत काटे गए TDS को ITR फाइल करते समय क्लेम किया जा सकता है.

नकद लेनदेन सख्त

इनकम टैक्स के सेक्शन 269ST के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को एक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि एक बार में या अलग-अलग लेनदेन के जरिए मिलती है, तो उस पर जुर्माना लग सकता है.

हालांकि, बैंक से विड्रॉल पर यह नियम लागू नहीं होता, लेकिन TDS काटा जा सकता है.

नकद कर्ज और इसके पेमेंट पर नियम

सेक्शन 269SS और 269T के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति 20,000 रुपये से अधिक का नकद कर्ज लेता है या चुकाता है, तो उसे इस राशि के बराबर का जुर्माना भरना पड़ सकता है.

बिजनेसमैन के लिए टैक्स नियम

सेक्शन 44AD/44ADA के अनुसार, यदि किसी बिजनेसमैन का नकद जमा उसके ITR में दिखाए गए कारोबार के टर्नओवर से मेल खाता है, तो उस पर कोई पेनल्टी नहीं लगती. लेकिन अगर जमा राशि का सोर्स स्पष्ट नहीं होता, तो इनकम टैक्स विभाग सेक्शन 68 के तहत नोटिस जारी कर सकता है. यदि वह अपने इनकम का सोर्स साबित नहीं कर पाता, तो इस पर 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस लगाया जा सकता है.