EPF, बीमा से लेकर TDS तक, नौकरी बदलने से पहले जानें ये 5 जरूरी बातें
नौकरी बदलने से पहले कुछ बातों का बेहद खास ध्यान रखना होता है. TDS, PF, हेल्थ इंश्योरेंस, EPF और निवेश को लेकर सही फाइनेंशियल फैसले और टास्क पूरे करने होते हैं, ताकि आपको भविष्य में कोई परेशानी न हो.
नौकरी बदलने का विचार कर रहे हैं, या अभी अभी नौकरी बदली है तो ऐसी किन बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं जो आपको नौकरी बदलने के साथ बदल देनी चाहिए. नई नौकरी के साथ कौन से नए फाइनेंशियल अवसर आते हैं, और सही से फाइनेंशियल फैसले कैसे लेना चाहिए. यही सब आपको यहां बताएंगे. TDS, PF से लेकर हेल्थ इंश्योरेंस पर क्या फैसला लेना है.
पहले TDS की बात
जब आप नौकरी बदलते हैं, तो अपनी नई कंपनी को अपनी पिछली सैलरी और टैक्स कटौती (TDS) की जानकारी देना बेहद जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते, तो आपको टैक्स फाइलिंग के समय ज्यादा टैक्स और पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है.
तो इसके लिए आपको क्या करना होगा?: Form 12B को भर कर जमा करना होता है. इसमें आपकी पिछली नौकरी की डिटेल्स (जैसे कब से कब तक नौकरी की, सैलरी, सेक्शन 80C के तहत निवेश, और TDS कटौती) शामिल होता है. यह फॉर्म इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
सैलरी स्लिप्स या टैक्स कैलकुलेशन शेयर करना होता है. अपनी पुरानी नौकरी की सैलरी स्लिप या टैक्स की जानकारी ईमेल के जरिए नई कंपनी को भेज सकते हैं.
फॉर्म 16
फॉर्म 16 तो आपने सुना होता लेकिन ये क्यों जरूरी है, दरअसल जब आप एक ही वित्त वर्ष में दो नौकरियां करते हैं, तो दोनों नियोक्ताओं से Form 16 लेना जरूरी है. यह आपकी टैक्स फाइलिंग के समय मदद करेगा और आपको संभावित टैक्स देनदारियों से बचाएगा.
इसके साथ ही अपने निवेश के दस्तावेज पुराने और नए दोनों नियोक्ताओं को सौंपें ताकि वे जरूरत पड़ने पर इन्हें इनकम टैक्स विभाग को दे सके.
हेल्थ इंश्योरेंस
आज की सबसे बड़ी जरूरत है हेल्थ इंश्योरेंस. नई नौकरी में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर सारी और सही जानकारी लें. नई कंपनी के कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस को ध्यान से पढ़ें. इसमें कवर किए गए लोगों (जैसे पत्नी या पति, बच्चे, माता-पिता) और इंश्योरेंस राशि का पता लगाएं. यह पूछताछ जॉब ऑफर स्वीकार करने से पहले करें, क्योंकि नौकरी छोड़ने के बाद आपका पुराना हेल्थ कवर खत्म हो जाएगा.
अगर नई कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस देती है, तो सबसे बड़ा कवर ही चुनें. यदि इंश्योरेंस का अमाउंट आपको पर्याप्त नहीं लग रहा, तो एक पर्सनल टॉप-अप प्लान जरूर खरीदें. इसे हल्के में न लें. अगर नई कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं देती है, तो अपनी मौजूदा पॉलिसी को अपडेट करें. जैसे मान लें कि यदि आपके पास पुरानी कंपनी का 2 लाख का कवर और 8 लाख का निजी कवर है, तो डिडक्टिबल हटा कर इसे 10 लाख का सीधा कवर बना सकते हैं.
EPF – प्रॉविडेंट फंड
अपने EPF खाते से पैसा न निकालें. यह आपकी रिटायरमेंट सेविंग को नुकसान पहुंचा सकता है. अपने पुराने EPF अकाउंट नंबर और UAN को नई कंपनी के साथ साझा करें. यह सुनिश्चित करेगा कि आपका नया PF अकाउंट पुराने UAN से लिंक हो, जिससे भविष्य में EPF को ट्रैक करना आसान हो जाएगा.
निवेश बढ़ाएं
नई नौकरी करने जा रहे हैं तो आपको हाइक यानी ज्यादा सैलरी मिलेगी, ऐसे में निवेश बढ़ाने का मौका बिल्कुल न छोड़ें. अपनी बढ़ी हुई सैलरी का एक हिस्सा लोन चुकाने के लिए निकालें और दूसरे हिस्से को निवेश करें. निवेश के लिए SIP बेस्ट रहती है या मौजूदा SIP की राशि बढ़ाएं.