HRA के लिए TDS भुगतान में लापरवाही पर आयकर विभाग का नोटिस, जानें क्या है मामला
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन टैक्सपेयर्स को नोटिस जारी किया है जिन्होंने हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के लिए टैक्स छूट का दावा किया है लेकिन किराए पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) का भुगतान नहीं किया है. IT अधिनियम की धारा 194-I के अनुसार, यदि कोई किरायेदार एक महीने में 50,000 रुपये से अधिक का किराया देता है, तो उसे 2 फीसदी TDS काटना जरूरी है. TDS भुगतान में देरी पर ब्याज और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
HRA and TDS: हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के जरिये टैक्स छूट का दावा करने वाले तमाम इनकम टैक्स दाताओं को ध्यान देने की जरूरत है. आयकर विभाग उन लोगों को नोटिस जारी कर रहा है जिन्होंने अपने टैक्स फाइलिंग में HRA छूंट की मांग तो की है लेकिन अपने किराये के पेमेंट पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यानी TDS का भुगतान नहीं किया है. आईटी अधिनियम की धारा 194-I के अनुसार, किरायेदार जब भी किसी निवासी भारतीय मकान मालिक को 50,000 रुपये से अधिक का महीने में किराया देता है, तब उसे किराए की राशि से 2 फीसदी TDS काटना चाहिए जो पहले अक्टूबर तक 5 फीसदी कटता था.
किन्हें भेजा गया है नोटिस?
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों को भेजे गए नोटिस में टैक्स अधिकारी पिछले इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में सबमिट किए गए क्लेम के वेरिफिकेशन का रिक्वेस्ट कर रहे हैं. जिन टैक्सपेयर्स को अपने पहले के रिटर्न को सही करने की जरूरत है उनके पास सब ठीक करने और अपडेटेड ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च है. मालूम हो कि किराए से संबंधित TDS भुगतान के बिना HRA के लिए किए गए दावे को इनवैलिड माना जाता है.
वहीं टीडीएस की आवश्यकता महीने के किराए की राशि पर आधारित होती है न कि दावा किए गए HRA छूट पर. मकान मालिक का पैन नंबर टीडीएस चालान में शामिल होना चाहिए. ऐसे मामलों में जहां पैन गुम या इनएक्टिव है, उसमें धारा 206 AA के तहत टीडीएस दर बढ़कर 20 फीसदी हो जाती है.
कब करना चाहिए TDS भुगतान?
TDS भुगतान की टाइमलाइन किरायेदारी अवधि के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. मिड-ईयर वेकेंसी के लिए महीने के अंत के बाद 7 दिनों के भीतर भुगतान कर देना चाहिए. वहीं अगर कोई जुलाई से शुरू होने वाले वार्षिक समझौते के तहत मार्च तक के 9 महीने के लिए TDS की कटौती मार्च किराए से की जा सकती है. उसका भुगतान 30 अप्रैल तक किया जा सकता है.
TDS के न कटने पर क्या करें?
टीडीएस से जुड़े नियम का पालन न करने से अहम वित्तीय प्रभाव पड़ता है. वहीं टीडीएस नहीं काटने पर मूल देय तारीख से लंबित राशि पर 1 फीसदी महीने के आधार पर ब्याज लगता है. इससे इतर, काटे गए टीडीएस के भुगतान में देरी के लिए- कटौती से जमा की तारीख तक, 1.5 फीसदी का मासिक ब्याज लागू होता है.