बिना जमीन और ज्यादा निवेश के भी खोल सकते हैं सरकारी पेट्रोल पंप, जानें कैसे काम करता है Coco मॉडल
यदि आप पेट्रोल पंप खोलने का विचार कर रहे हैं और ज्यादा पूंजी निवेश नहीं करना चाहते, तो कोको (कंपनी ओन्ड कंपनी ऑपरेटेड) मॉडल आपके लिए सही है. इसमें आपको कंपनी द्वारा तैयार किया गया पेट्रोल पंप मिलता है, जिसे आपको सिर्फ चलाना होता है. इसके तहत, आपको केवल एक सिक्योरिटी राशि जमा करनी होती है.
Coco Petrol pump: अगर आप पेट्रोल पंप खोलने के लिए सोच रहे हैं, लेकिन आप ज्यादा पूंजी खर्च नहीं करना चाहते हैं, तो आपके लिए ऑयल कंपनियों का यह मॉडल सही रहेगा. यहां बात हो रही है कंपनी ओन्ड कंपनी ऑपरेटेड (Coco) मॉडल की, जिसके तहत आपको बिना ज्यादा खर्च किए पेट्रोल पंप का डीलरशिप मिल सकता है. इसमें कंपनी आपको तैयार पेट्रोल पंप देती है और आपको केवल उसे चलाना होता है. इसके बारे में Money9live ने एक ऐसे ही एक कोको डीलर से बात की तो आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
क्या है Coco मॉडल
Coco पेट्रोल पंप का मतलब है कंपनी ओन्ड कंपनी ऑपरेटेड पेट्रोल पंप. यह पेट्रोल पंप कंपनी द्वारा संचालित होते हैं, जिसमें आपको किसी भी प्रकार के वित्तीय निवेश की जरूरत नहीं होती. आपको केवल कंपनी द्वारा तय की गई बैंक गारंटी की एफडी जमा करनी होती है, जो एक सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में रखी जाती है. यह राशि पंप की तीन दिनों की औसत बिक्री पर निर्भर करती है. इसके अलावा, आपको 5 से 10 लाख रुपये के बीच खर्च के लिए देनी पड़ती है जो बाद में रिम्बर्स हो जाती है, और कंपनी पर निर्भर करती है कि वह कितना चार्ज करती है.
उदाहरण के जरिए समझते हैं कि कितना खर्च आ सकता है. मान लीजिए कि किसी पंप की प्रतिदिन की बिक्री 20 लाख रुपये है. इस हिसाब से तीन दिनों की औसत बिक्री 60 लाख रुपये होगी. अगर इसमें 10 लाख रुपये खर्च जोड़ दिए जाएं, तो कुल मिलाकर यह राशि 70 लाख रुपये हो जाएगी. यानी, आपको डीलरशिप लेने के लिए कुल 70 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
कैसे मिलती है डीलरशिप
इसके डीलरशिप के लिए कंपनियां विज्ञापन निकालती हैं. आप विज्ञापन और पीडीएफ डाउनलोड करें और दिए गए गाइडलाइंस का पालन करते हुए आवेदन करें. आवेदन पत्र को पूरी तरह से भरें और उसमें अपने सभी व्यक्तिगत और एजुकेशनल डिटेल दें. इसमें अलग-अलग कंपनियों के नियम भी अलग होते हैं, जिनका सावधानीपूर्वक पालन करें.
इसमें एक शर्त होती है कि आपको अपनी वित्तीय क्षमता को दिखाना होता है, इसलिए आप फॉर्म भरते समय कंपनी की शर्तों के अनुसार एफडी तैयार करवा लें. एक बार आपका आवेदन स्वीकार हो जाने के बाद, आपको संबंधित कंपनी के रिजनल ऑफिस बुलाया जाएगा, जहां आपका इंटरव्यू होगा. इंटरव्यू में आपके प्रोफेशनल व्यवहार और नॉलेज का टेस्ट होता है.
कंपनियां चयन प्रक्रिया के कुछ क्राइटेरिया तय करती हैं, जिनके आधार पर डीलरशिप का चयन होता है. यह क्राइटेरिया इस प्रकार होते हैं:
चयन प्रक्रिया
क्राइटेरिया | विवरण |
---|---|
राष्ट्रीयता | भारतीय नागरिक |
आयु सीमा | 21 से 60 वर्ष |
न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता | 10वीं पास |
वित्तीय क्षमता | यह पेट्रोल पंप की लोकेशन और पंप किस कंपनी का है, इस पर निर्भर करता है. |
अंक डिटेल :
कैटेगरी | अंक डिटेल |
---|---|
आयु के अनुसार | |
21 से 35 वर्ष | 25 अंक |
35 से 50 वर्ष | 21 अंक |
50 से 60 वर्ष | 17 अंक |
शैक्षणिक योग्यता के अनुसार | |
10वीं पास | 15 अंक |
12वीं पास | 18 अंक |
ग्रेजुएट | 21 अंक |
पोस्ट ग्रेजुएट | 25 अंक |
वित्तीय क्षमता | |
₹15 लाख | 0 अंक |
₹20 लाख | 10 अंक |
₹30 लाख | 30 अंक |
पर्सनल इंटरव्यू | 20 अंक |
यहां भी कंपनी के हिसाब से बदलाव संभव है.
कैसे काम करता है
अगर आपको डीलरशिप मिल जाती है, तो इसके बाद कंपनी पहले से तय स्थान पर आपको “रेडी-टू-रन” कंडीशन में पेट्रोल पंप तीन साल के लिए सौंप देती है. हालांकि, पंप कैसे चलेगा और इसके नियम क्या होंगे, यह सब कंपनी द्वारा तय किया जाता है. समय-समय पर कंपनी के अधिकारी निरीक्षण करते रहते हैं और गाइडलाइन भी जारी करते हैं.
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आपको कैसे फायदा होगा
कोको डीलरशिप मॉडल में आपको तेल की बिक्री से लाभ होता है. जितना अधिक तेल आप बेचते हैं, उतना ही अधिक लाभ कमाते हैं. इसमें कंपनी द्वारा एक निश्चित राशि दी जाती है, जैसे इंडियन ऑयल 30 हजार रुपये प्रति माह प्रदान करती है. इसके अतिरिक्त, बिक्री के आधार पर कंपनी द्वारा तय किए गए स्लैब के अनुसार इंसेंटिव राशि दी जाती है, जो इस फिक्स्ड अमाउंट में जोड़ी जाती है.
कितना खर्च आता है
एक कोको पेट्रोल पंप की डीलरशिप हासिल करने में होने वाला खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि पेट्रोल पंप कहां स्थित है और उसका तीन दिनों का औसत सेल कितना है. जैसे मान लीजिए कि किसी पेट्रोल पंप की प्रतिदिन की बिक्री 20 लाख रुपये है, तो तीन दिनों की औसत बिक्री 60 लाख रुपये होगी. यही औसत बिक्री उस पेट्रोल पंप की सिक्योरिटी राशि तय करने का आधार बनती है.
इसके अलावा, आपको 5 से 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी कंपनी को देनी पड़ सकती है, जो कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करती है. डीलरशिप के लिए कुल राशि तय करते समय कंपनी इस औसत बिक्री और अतिरिक्त शुल्क को आधार मानकर अंतिम राशि तय करती है. यह पूरी तरह से संबंधित कंपनी की नीति और मूल्य निर्धारण पर निर्भर करता है.