क्रेडिट कार्ड यूजर को मिलते हैं ये अधिकार, बिना डरे बैंक से पूछे, नहीं तो होगा नुकसान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड यूजर्स के अधिकारों की रक्षा के लिए कई नियम बनाए हैं. ये नियम धोखाधड़ी, प्राइवेसी का उल्लंघन, डेटा लीक जैसी समस्याओं से आपको बचाएंगे.
अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं या क्रेडिट कार्ड लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपको इन नियमों को जानना बहुत जरूरी है. अगर आप इन नियमों को जानते हैं, तो आपका कंज्यूमर राइट्स का उल्लंघन नहीं होगा. अपने कंज्यूमर राइट्स की सुरक्षा के लिए ये नियम जानना बेहद आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड यूजर्स के अधिकारों की रक्षा के लिए कई नियम बनाए हैं. ये नियम धोखाधड़ी, प्राइवेसी का उल्लंघन, डेटा लीक जैसी समस्याओं से आपको बचाएंगे. नीचे उन नियमों का विवरण दिया गया है, जो आपके अधिकारों की रक्षा करेंगे.
ब्याज दर
RBI ने क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दरें पारदर्शी रखना अनिवार्य किया है. बैंकों और NBFCs को अधिक ब्याज दरें और छिपी हुई फीस वसूलने की अनुमति नहीं है. बैंकों को ब्याज और अन्य शुल्कों के लिए अधिकतम दर तय करनी होगी. हालांकि, वे क्रेडिट कार्ड यूजर्स की पेमेंट हिस्ट्री के आधार पर अलग-अलग ब्याज दरें वसूल सकते हैं, लेकिन इसके बारे में पूरी पारदर्शिता रखनी होगी.
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सटीक बिलिंग
बैंकों और NBFCs को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट समय पर और सही तरीके से तैयार किए जाएं. अगर किसी क्रेडिट कार्ड यूजर को गलत बिल मिलता है, तो वह बैंक से इस बारे में जानकारी ले सकता है. ऐसे मामलों में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी को गलत बिल के लिए स्पष्टीकरण देना होगा और साक्ष्य के रूप में दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे. समस्या को हल करने के लिए कंपनियों को 60 दिन का समय दिया जाएगा. साथ ही, RBI ने कंपनियों को देरी से बिलिंग से बचने के लिए ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट जारी करने की सलाह दी है.
क्रेडिट कार्ड डेट कलेक्शन प्रक्रिया
RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंकों और NBFCs को ऋण वसूली की प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से करनी चाहिए. इस दौरान कस्टमर सर्विस में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. बैंक और NBFCs ऋण वसूली के लिए हिंसा या धमकी का उपयोग नहीं कर सकते. उन्हें ग्राहक के रिकॉर्ड की गोपनीयता बनाए रखनी होगी और उसकी निजता का सम्मान करना होगा.
धोखाधड़ी की रिपोर्ट करना
अगर आपके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किसी धोखाधड़ी में किया गया है, तो आपको इसकी जानकारी तुरंत अपने जारीकर्ता बैंक को देनी चाहिए. यदि आप तीन दिनों के भीतर इसकी सूचना देते हैं, तो आपको धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा. लेकिन अगर सूचना देने में 7 दिनों से अधिक की देरी होती है, तो आपको धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.