शादी करने पर 2.50 लाख रुपये दे रही है सरकार, जानें कैसे मिलेगा फायदा
इस आर्थिक मदद की पेशकश सविताबेन अंबेडकर अंतर्जातीय विवाह सहायता योजना के अंतर्गत की जा रही है. इसकl संचालन गुजरात सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसूचित जाति कल्याण निदेशक की ओर से किया जा रहा है.
केंद्र सरकार जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव को खत्म करने और अंतरजातीय शादियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक स्कीम चला रही है. इस स्कीम के तहत अगर कोई इंसान अंतरजातीय यानी इंटर कास्ट विवाह करता है तब उस जोड़ी को सरकार 2,50,000 रुपये देती है.
क्या है यह योजना?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में फैले असमानता को दूर करना तथा नवदंपत्ति को आर्थिक मदद मुहैया कराना है. इस योजना के तहत अनुसूचित जातियों और अन्य हिंदुओं के बीच अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए जोड़े को 2,50,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है. यह योजना केंद्र की ओर से शुरू की गई पहल है जिसमें राज्य और केंद्र सरकार, दोनों का 50 फीसदी का योगदान होगा.
2013 में हुई थी शुरुआत
इस आर्थिक मदद की पेशकश सविताबेन अंबेडकर अंतर्जातीय विवाह सहायता योजना के अंतर्गत की जा रही है. इसकी संचालन गुजरात सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसूचित जाति कल्याण निदेशक की ओर से किया जा रहा है. इस योजना की शुरुआत 2013 में हुई थी.
क्या मिलेंगे फायदे?
इस योजना के अंतर्गत अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपत्ति को सरकार आर्थिक मदद करेगी. इसके तहत घरेलू खर्चों तथा घरेलू सामानों की खरीदी के लिए दंपत्ति को 1,00,000 रुपये की सहायता दी जाती है. इसके अलावा नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में ज्वाइंट नाम पर 1,50,000 लाख रुपये की मदद प्रदान की जाएगी.
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
- शादी करने वाले इंटर कास्ट जोड़े में से एक मूल रूप से गुजरात का निवासी होना चाहिए.
- इंटर कास्ट करने वाले जोड़े में एक व्यक्ति अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित होना चाहिए
- इंटर कास्ट में विवाह करने वाले दंपत्ति के माता-पिता को पांच वर्षों से गुजरात राज्य में निवास करना चाहिए.
- इस योजना के तहत शादी करने वाले दंपत्ति को पंजीकृत कराना होगा. इसके अलावा आर्थिक मदद के लिए शादी के दो वर्षों के भीतर आवेदन भी करना होगा.
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है.