Budget 2025: बदल जाएगा दशकों पुराना इनकम टैक्‍स फाइलिंग का तरीका, बजट में मिल सकती है सौगात

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट एक फरवरी को पेश करेंगी. इस वजह से देश के हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं. इस बीच खबर है कि बजट में सरकार इनकम टैक्स फाइलिंग प्रोसेस को आसान बना सकती है, इसके लिए टैक्स कानून में बदलाव किया जा रहा है.

इनकम टैक्स फाइलिंग में हो सकता है बदलाव. Image Credit: Getty image

Budget 2025: भारत सरकार इनकम टैक्स दाखिल करने के नियमों को आसान बनाने की प्लानिंग कर रही है. सरकार की कोशिश है कि सभी टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स कानून का पालान आसानी से कर सकें, जिससे विवादों को कम करने में मदद मिलेगी, जो पिछले दशक में बढ़कर 120 अरब डॉलर से अधिक हो गए हैं. ब्लूमबर्ग ने मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से लिखा कि इनकम टैक्स अधिनियम 1961 के प्रस्तावित संशोधन को वर्तमान में अंतिम रूप दिया जा रहा है. संभवत जनवरी के मध्य में पब्लिक कंसल्टेशन के लिए जारी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि संशोधित कानून को सरकार के बजट में जारी किया जाएगा, जो फरवरी की शुरुआत में आएगा.

नौकरशाही बोझ को कम करने की कोशिश

लोगों ने बताया कि इन बदलावों में भाषा को आसान बनाना, फॉर्मूले और टेबल्स का उपयोग करके जानकारी को तर्कसंगत बनाना शामिल है. इसमें टैक्स रेट और पॉलिसी में कोई एडजस्टमेंट शामिल नहीं होगा. भारत, टैक्सपेयर्स पर से नौकरशाही का बोझ कम करने और कंप्लायंस को बढ़ावा देने के लिए दशकों से अपने टैक्स कानूनों को आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहा है. मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष तक के दशक में टैक्स विवाद दोगुने से अधिक बढ़कर 10.5 ट्रिलियन रुपये (123 अरब डॉलर) हो गए हैं.

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टैक्स कानून की समीक्षा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में ऐलान किया था कि नियमों को टैक्सपेयर्स के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए टैक्स कानून की व्यापक समीक्षा छह महीने में पूरी की जाएगी. इस बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि बजट में इनकम टैक्स फाइलिंग से जुड़े क्या बदलाव देखने को मिलेंगे.

  • जटिल इनकम कैलकुलेशन स्ट्रक्चर को फॉर्मूले के जरिए रिप्लेस किया जाएगा.
  • टैक्स ईयर की सिंगल परिभाषा, एसेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर की मौजूदा प्रौक्टिस को रिप्लेस करेगी.
  • टैक्सपेयर्स को अपने टैक्स रिटर्न के साथ जमा करने वाले अतिरिक्त फॉर्म की संख्या कम करना और उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराना.