8वें वेतन आयोग पर 10 फरवरी को अहम मीटिंग; 15 प्रपोजल तैयार, पेंशन, पे बैंड और फिटमेंट फैक्टर पर तय होगा फॉर्मूला!

8वें वेतन आयोग पर चर्चा के लिए 10 फरवरी 2025 को DoPT और नेशनल काउंसिल JCM स्टैंडिंग कमेटी की बैठक होगी. स्टाफ साइड ने पे स्केल मर्जर, न्यूनतम सैलरी ₹36,000 और फिटमेंट फैक्टर 2.6 - 2.86 की सिफारिश की है. DA और DR को मूल वेतन में जोड़ने और देरी होने पर बकाया भुगतान की भी मांग की गई है.

10 फरवरी 2025 को DoPT और JCM कमेटी की बैठक होगी. Image Credit:

8th Pay Commission Upcoming Meeting : कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और नेशनल काउंसिल JCM की स्टैंडिंग कमेटी (स्टाफ साइड) के बीच 8वें वेतन आयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए 10 फरवरी 2025 को एक अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक का आयोजन नॉर्थ ब्लॉक में किया जाएगा, जिसमें परवीन जरगर, डिप्टी सेक्रेटरी (JCA) और नेशनल काउंसिल JCM की स्टैंडिंग कमेटी (स्टाफ साइड) के सदस्य शामिल होंगे. जी न्यूज के रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में पेशन, पे बैंड, फिटमेंट फैक्टर समेत कमेटी की अहम 15 मुद्दो पर दोनों पक्षों में चर्चा होगी.

DoPT ने मांगे थे ToR

जी न्यूज के रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले, 23 जनवरी 2025 को DoPT ने नेशनल काउंसिल JCM के स्टाफ साइड से सुझाव मांगे थे ताकि 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को अंतिम रूप दिया जा सके. इस संदर्भ में, परवीन जरगर ने पत्र लिखकर आग्रह किया कि स्टाफ साइड जल्द से जल्द अपने सुझाव पेश करें. जिसके बाद शिव गोपाल मिश्रा ने एक डिटेल प्रपोजल पेश किया था. जिसमें 15 मुख्य सिफारिशें शामिल थीं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण पे स्केल के मर्जर की मांग थी, जिसमें लेवल-1 को लेवल-2 से, लेवल-3 को लेवल-4 से और लेवल 5 को लेवल 6 से मर्ज करने की सिफारिश की गई है.

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मिनिमम सैलरी की मांग

NDTV के रिपोर्ट के अनुसार, JCM की स्टैंडिंग कमेटी (स्टाफ साइड) ने अपने प्रस्ताव में यह सुझाव दिया कि कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 36,000 रुपये रखी जाए और मिनिमम फिटमेंट फैक्टर 2.0 से कम न हो. जी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.86 के बीच हो सकता है. अगर ऐसा होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 25 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है.

DA और DR का विलय किया जाए

NC-JCM के सदस्यों ने यह भी मांग की कि 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाना चाहिए, लेकिन अगर इसे लागू करने में देरी होती है, तो सरकार को उस अवधि का बकाया भुगतान करना चाहिए, जैसा कि 7वें वेतन आयोग के समय किया गया था. इसके अलावा, NC-JCM के सदस्यों ने मांग की है कि DA (Dearness Allowance) और DR (Dearness Relief) को मूल वेतन और पेंशन में जोड़ा जाए, ताकि टेक-होम सैलरी बढ़े और महंगाई का असर कम हो सके.