Gold vs Equity पर एडलवाइस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट, जानें कौन है मुनाफे के मैदान का असली महारथी?
Gold vs Equity को लेकर एडलवाइस म्यूचुअल फंड ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में दोनों एसेट्स का रोलिंग रिटर्न के आधार पर एनालिसिस किया गया है. इसके साथ ही बताया गया है मुनाफे के मैदान में इन दोनों महारथियों में से असली विजेता कौन है?

Edelweiss Report: एडलवाइस म्यूचुअल फंड की Gold vs Equity रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 25 वर्षों में सोने ने 12.55% का शानदार वार्षिक रिटर्न दिया है. जबकि, इस दौरान BSE Sensex ने 10.73% का रिटर्न दिया है. हालांकि, यह तुलना दोनों एसेट्स की असली ताकत नहीं दिखाती. क्योंकि, यह ऐसे समय में की गई है, जब सोना अपने उच्चतम स्तर के आसपास है, जबकि सेंसेक्स एक साल के निचले स्तर के करीब आ गया है. हालांकि, इस मुकाबले को निष्पक्ष बनाने के लिए रोलिंग रिटर्न के आधार पर कंपेयर किया गया है.
क्या है रोलिंग रिटर्न एनालिसिस?
रोलिंग रिटर्न किसी एसेट के खास अवधि के वार्षिक औसत रिटर्न को कहा जाता है. इसे रोलिंग टाइम पीरियड रिटर्न भी कहा जाता है. रोलिंग रिटर्न की गणना, किसी निश्चित तिथि और निवेश अवधि से शुरू होती है. इसके बाद, उसी अवधि के अंदर आने वाली सभी तारीखों के लिए रिटर्न की गणना की जाती है. इससे किसी भी एसेट के लॉन्ग टर्म रिटर्न की वास्तविक तस्वीर मिलती है. इसमें शॉर्ट टर्म में आने वाली वॉलेटिलिटी का भी ज्यादा असर नहीं होता है.
5 वषीर्य रोलिंग रिटर्न
रिपोर्ट में बताया गया है कि 1984 से अगर 5 वर्षीय रोलिंग रिटर्न देखा जाए, तो सेंसेक्स ने औसतन 14.63% का रिटर्न दिया है. इस दौरान इसका अधिकतम रिटर्न 55.26% और न्यूनतम -7.91% रिटर्न रहा. जबकि इस दौर में गोल्ड ने औसतन 10.28% का रिटर्न दिया है, जिसमें अधिकतम 27.88% और न्यूनतम -4.78% का रिटर्न रहा. 1984 से सोने ने केवल 35% मामलों में सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है, जो बताता है कि मीडियम टर्म में इक्विटी बेहतर ग्रोथ देने में सक्षम है.
10 वर्षीय रोलिंग रिटर्न
10 वर्षीय रोलिंग रिटर्न एनालिसिस में बताया गया है कि 1984 से सेंसेक्स ने 10-वर्षीय रोलिंग पीरियड में औसतन 13.55% का रिटर्न दिया है. इस दौरान अधिकतम रिटर्न 33.81% और न्यूनतम रिटर्न -2.81% का रहा है. वहीं, गोल्ड ने इस दौरान औसतन 9.85% का रिटर्न दिया है. जबकि, अधिकतम रिटर्न 21.21% और न्यूनतम रिटर्न 2.40% रहा है. इसके अलावा 10 वर्ष की अवधि में गोल्ड ने 36% मामलों में सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है, जो दर्शाता है कि लॉन्ग टर्म में इक्विटी गोल्ड की तुलना में बेहतर रिटर्न देने में सक्षम है.
सेंसेक्स-टू-गोल्ड रेश्यो
रिपोर्ट में सेंसेक्स-टू-गोल्ड रेश्यो की भी बात की गई है. इसमें इक्विटी और सोने के सापेक्ष मूल्यांकन को माप गया है. यह बताता है कि 10 ग्राम सोने की कीमत से सेंसेक्स की कितनी यूनिट खरीद सकते हैं. 1999 से किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि जब यह अनुपात 1 से कम होता है, तो अगले तीन वर्षों में इक्विटी बेहतर प्रदर्शन करती है, और जब यह 1 से अधिक होता है, तो सोना बेहतर प्रदर्शन करता है. फरवरी 2025 तक यह अनुपात 0.86 है, जो लॉन्ग टर्म औसत 0.96 से कम है, इससे पता चलता है कि फिलहाल गोल्ड इक्विटी की तुलना में ओवर वैल्यूड है.
कौन है असली विजेता?
रिपोर्ट में नतीजे के तौर पर बताया गया है कि सोने में निवेश संकट के समय चमकता है, जबकि इक्विटी में निवेश आर्थिक वृद्धि के दौरान फलती-फूलती है. मौजूदा सेंसेक्स-टू-गोल्ड रेश्यो को देखते हुए, ऐतिहासिक रुझान के आधार पर अगले तीन वर्षों में इक्विटी में निवेश पर सोने से बेहतर रिटर्न मिल सकता है.
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