फेस्टिव सीजन में 10 लाख नई नौकरियां, जानिए कहां मिलेगा सबसे ज्यादा जॉब?

त्योहारी सीजन नजदीक आते ही कई क्षेत्रों में हायरिंग में तेजी आने वाली है, खासकर गिग नौकरियों में, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स में सबसे ज्यादा मांग रहने की संभावना है.

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त्योहारी सीजन में लोगों के घरों में काम काज बढ़ जाते हैं. घर में नई पेंटिंग करवाने से लेकर नए फर्नीचर खरीदने तक लोग हर तरीके से अपने घर को सजाने में मशगूल होते हैं. कुछ ऐसे भी होते हैं जो दिवाली, धनतेरस के वक्त अपने घर बड़ी गाड़ियों की डिलीवरी कराते हैं तो कुछ सारा दिन अपना बाजार में शॉपिंग करने में लगाते हैं. इन सब त्योहारी अफरातफरी में मार्केट को अमूमन मुनाफा ही होता है….लेकिन क्या आपको मालूम है यह मौका उन लोगों के लिए भी खास है जो नौकरी के तलाश में हैं.

जी हां, त्योहारी और वेडिंग सीजन में दुकानों में ग्राहकों की ज्यादा भीड़ यानी ज्यादा कामगरों की मांग. कई सेक्टर में मांग बढ़ने से रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे. इस सीजन में खासतौर पर गिग नौकरियों में बढ़त होने की उम्मीद है.

10 लाख से ज्यादा नई नौकरियां होंगी पैदा

NLB सर्विसेज के मुताबिक, इस त्योहार के दौरान करीब 10 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना है. रिटेल, होटल, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, कंज्यूमर गुड्स, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (BFSI) जैसे सेक्टर में भर्तियों में बढ़ोतरी देखी जाएगी. इनमें से ई-कॉमर्स सेक्टर सबसे आगे रहेगा. जहां पिछले साल की तुलना में 22% ज्यादा भर्तियां होंगी.

इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, NLB सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग का कहना है कि कंपनियां इस सीजन का फायदा उठाने के लिए नए उत्पाद और प्रमोशंस लॉन्च करेंगी. खासतौर पर ई-कॉमर्स में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, जिससे अस्थायी और स्थायी दोनों तरह की भर्तियों में इजाफा होगा।

गिग वर्कर्स की बढ़ती मांग

इन नौकरियों में सप्लाई चेन से जुड़ी भूमिकाएं, जैसे गोदाम कर्मचारी, इन्वेंटरी मैनेजर, लॉजिस्टिक्स कोऑर्डिनेटर, किराना पार्टनर और डिलीवरी ड्राइवर जैसी भूमिकाएं शामिल होंगी. तेजी से डिलीवरी देने वाले प्लेटफॉर्म्स पर गिग डिलीवरी राइडर्स की मांग में भी 30% तक की वृद्धि हो सकती है.

अलुग का अनुमान है कि नई नौकरियों में से लगभग 70% जॉब अस्थायी होंगी, जो त्योहारों के दौरान बढ़ी हुई मांग को पूरा करेंगी जबकि 30% जॉब परमानेंट होंगी. खास बात यह है कि गिग इकॉनमी में महिलाओं की भागीदारी में 35% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

महिलाएं गिग इकॉनमी की लचीली भूमिकाओं जैसे ब्रांड एडवोकेसी, ब्यूटी और ग्रूमिंग, ऑनलाइन ट्यूशन, घरेलू कामकाज, कैब चलाने और फूड डिलीवरी में बढ़ती रुचि दिखा रही हैं.

डिलीवरी ड्राइवर, कस्टमर सर्विस रिप्रसेन्टेटिव, टेक सपोर्ट स्पेशलिस्ट और फ्रीलांस डिजाइनर जैसी भूमिकाओं की मांग सबसे ज्यादा होगी. इन भूमिकाओं में फिलहाल वेतन 12,000 रुपये से 16,000 रुपये के बीच है लेकिन आगामी 3-4 महीनों में इसमें 10-20% की वृद्धि होने की उम्मीद है.

स्किल गैप की समस्या

टीमलीज एडटेक के अनुसार, इस सीजन में विभिन्न क्षेत्रों में 10 लाख गिग वर्कर्स और 2.5 लाख कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की जरूरत होगी. हालांकि,रिपोर्ट के अनुसार, 42.86% नियोक्ता मानते हैं कि कामगारों में उद्योग से जुड़ी बेसिक ज्ञान की कमी है. साथ ही, 28.57% कामगारों में कम्युनिकेशन, टीमवर्क और समस्या-समाधान जैसी सॉफ्ट स्किल्स की भी कमी पाई गई है.

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों में पिछले साल की तुलना में 15% ज्यादा सीजनल भर्तियां हुई हैं. वहीं, नागपुर, जयपुर, वडोदरा, कोच्चि, लखनऊ और इंदौर जैसे टियर-2 शहरों में भर्तियों में 20% से 25% तक की वृद्धि देखी गई है.