वॉरेन बफेट के ये 5 मंत्र कर लें याद, हो जाएंगे मालामाल
मशहूर निवेशक वारेन बफेट निवेशकों को बताते हैं कि किन बातों ध्यान रखें, ताकि भटकाव से बचें और अपने निवेश से अधिकतम लाभ ले सकें.
मुनाफे का फिर से निवेश करें : जब बाजार से आपको मुनाफा मिलने लगता है, तो आप उसे खर्च करने लगते हैं. लेकिन बफेट कहते हैं कि मुनाफे का पुनर्निवेश करें. बफेट और उनके एक दोस्त जब हाई स्कूल में थे, उन्होंने एक सैलून में लगाने के लिए पिनबॉल मशीन खरीदी. बफेट ने उससे जो पैसे कमाए, उनसे और मशीनें खरीदीं, जबकि दोस्त ने मशीन को कुछ दिन बाद बेच दिया. बफेट के पास बाद में अलग-अलग दुकानों में आठ मशीनें नहीं हो गईं. इसके बाद बफेट ने मशीनों से होने वाली आय का इस्तेमाल स्टॉक खरीदने और दूसरे छोटे कारोबारो में करना शुरू कर दिया.
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भीड़ से अलग सोचने की हिम्मत रखें : सब क्या कह रहे हैं, क्या कर रहे हैं इसके आधार पर फैसला न करें. 1956 में जब वारेन बफेट ने मुट्ठी भर निवेशकों से जुटाए गए 1,00,000 डॉलर का प्रबंधन करना शुरू किया, तो लोगों ने पागल करार दिया और कहा जाने लगा कि वे बुरी तरफ नाकामयाब हो जाएंगे, क्योंकि वे वॉल स्ट्रीट की जगह ओमाहा में काम कर रहे थे. वे अपने भागीदारों को यह भी नहीं बता रहे थे कि वे उनका पैसा कहां लगा रहे हैं। लेकिन, 14 साल बाद जब उन्होंने साझेदारों को पैसे लौटाए, तो यह रकम 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा थी।
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खाली बैठकर अपना अंगूठा न चूसें : जब भी कोई फैसला करना हो उससे जुड़ी जानकारी पहले से जुटा लें. जब भी किसी मित्र या रिश्तेदार से मिलें, तो उनको तय समय सीमा का पालन करने के लिए कहें. बफेट कहते किसी भी मसले पर जल्दी ही अपना मन बना लेते थे और उस पर तुरंत अमल करते थे। वे किसी भी तरह फिजूल बैठने और सोचने को अंगूठा चूसना कहते थे. उनका मानना था कि कोई भी काम अंगूठा चूसने से नहीं, हाथ चलाने से होता है.
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पहले तय करें कीमत, ताकि सौदा हो खरा-खरा : कोई भी काम शुरू करने से पहले आपको साफ-साफ शब्दों में सौदा तय कर लेना चाहिए. बफेट ने यह सबक बचपन में ही सीख लिया था, जब उनके दादा अर्नेस्ट ने उन्हें और उनके एक मित्र को बर्फीले तूफान के बाद अपनी किराने की दुकान के सामने से बर्फ खोदने के काम पर रखा. दोनों ने करीब पांच घंटे फावड़ा चलाया तब जाकर दुकान के आगे से बर्फ हटी, लेकिन उनके दादा ने दोनों को 90 सेंट देकर रफा-दफा कर दिया और कहा कि कीमत सौदा होने से पहले तय होती है.
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छोटे-छोटे खर्चों पर रखें पैनी नजर : बफेट कहते थे कि वे हमेशा ऐसे व्यवसायों में निवेश करते हैं, जिन्हें ऐसे प्रबंधक चलाते हैं, जो छोटी-छोटी लागतों और पाई-पाई का हिसाब रखते हों. उन्होंने एक बार एक कंपनी खरीदी थी, जिसके मालिक ने 500 शीट वाले टॉयलेट पेपर के रोल में शीटों की गिनती की थी, यह देखने के लिए कि कहीं उन्हें धोखा तो नहीं दिया जा रहा. वे हमेशा अपने एक ऐसे दोस्त की तारीफ करते थे, जो अपने ऑफिस की बिल्डिंग के सिर्फ उस हिस्से को रंगता था, जो सड़क की तरफ थी. बफेट कहते हैं कि फिजूलखर्च की आदत कभी आपको बचत नहीं करने देगी.