इस साल भूल जाइए सस्ता लोन! SBI के चेयरमैन ने बताई वजह
SBI के चेयरमैन सीएन शेट्टी ने कहा कि मुद्रास्फीति के चलते आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती की कोई संभावना नहीं है. शेट्टी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कटौती नहीं हो सकती है. जब तक कि हमारी महंगाई दर में कुछ सुधार न हो.
अगर आप बैंकों से लोन लेना चाहते हैं तो आपको थोड़ा निराश होना पड़ सकता है. हाल ही में नियुक्त हुए SBI के चेयरमैन सीएन शेट्टी ने कहा कि मुद्रास्फीति के चलते आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती की कोई संभावना नहीं है. इससे देश में बैंक से सस्ती दर पर लोन भी नहीं मिल पाएगा.
हाल ही में अपना कार्यभार संभालने वाले सीएन शेट्टी ने कहा कि अमेरिका की फेडरल बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. इससे विश्व के सभी केंद्रीय बैंकों के ब्याज में कटौती की उम्मीद है. हालांकि हमारे देश में फूड इन्फ्लेशन के चलते आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद कम है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कटौती नहीं हो सकती है. जब तक कि हमारी महंगाई दर में कुछ सुधार न हो.
ब्याज दरों में कटौती महीने भर के नंबर देख कर नहीं होगी- आरबीआई गवर्नर
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि ब्याज दरों में कटौती का फैसला महंगाई दरों में सुधार के हिसाब से लिया जाएगा. और उसके लिए हम लंबे समय के रिजल्ट को ध्यान में रखकर निर्णय लेंगे. अगर महंगाई दरों में कुछ सुधार हुआ तो ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है. हालांकि, आरबीआई गवर्नर दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक 7-9 अक्टूबर के दौरान होगी, जिसमें ब्याज को लेकर फैसला लिया जा सकता है.
किस आधार पर तय करते हैं कटाैती
आरबाईआई ब्याज दरों में कटौती के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर की जाती है. आरबीआई ने मुद्रास्फीति के जोखिम के बीच अगस्त में की गई बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. ब्याज में कटाैती को लेकर चर्चा आरबीआई की पिछली बैठक में भी हुई थी, जिसमें एमपीसी के छह में से चार सदस्यों ने ब्याज जैसे है वैसे रहने के पक्ष में मतदान किया था, जबकि दो मेंबर्स ने ब्याज दरों में कटौती की वकालत की थी.