फेस्टिव सीजन में खरीद रहे हैं सोना, तो अपने ज्वैलर्स से जरूर पूछें ये 8 सवाल

क्या आपको 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के बीच का अंतर मालूम है? ऐसे कई जरूरी बातें हैं जो सोना लेने से पहले आपको जान लेनी चाहिए.

फेस्टिव सीजन में खरीद रहे हैं सोना, तो अपने ज्वैलर्स से जरूर पूछें ये 8 सवाल Image Credit: Getty Images/Majority World

गोल्ड खरीदने का हर कोई शौकीन हैं, कई लोग ऐसे भी होंगे जो पहली बार गोल्ड खरीद रहे होंगे, कई ऐसे होंगे जो कई बार गोल्ड खरीद चुके हैं लेकिन फिर भी बेसिक चीजें नहीं जानते. कई ऐसी जरूरी बेसिक चीजें हैं जो आपको जान लेनी चाहिए या जिससे आप सोना खरीद रहे हैं उससे पूछना चाहिए. ताकी इसमें निवेश करने के बाद आपको पछताना न पड़े.

सोने की शुद्धता: एक 24 कैरेट का सोना होता है जो महंगा होता लेकिन एकदम खरा होता है, माने शुद्ध होता है. वहीं 22 कैरेट सोना थोड़ा कम शुद्ध होता है लेकिन क्वालिटी उसकी ठीक-ठाक रहती है. यानी वो भी खरीदने लायक है.

सोना ले रहे हैं तो बिस हॉलमार्क (BIS hallmark) देखें. ये मिल जाए तो समझ लीजिए कि सरकार ने इसकी क्वालिटी को अप्रुव कर दिया है. ज्वैलर आपको सोने की शुद्धता का सर्टिफिकेट भी देता है.

डिजाइन के चार्जेज: जब भी आप सोने के गहने खरीदते हैं तो इसकी कीमत में डिजाइन की कीमत शामिल होती है. ऐसा न हो ज्वैलर आपसे कहे कि गहने में सोने का भाव अलग है और डिजाइन का अलग से देना होता है.

सोने का वजन चेक करें: सोने का वजन चेक करना भी जरूरी है क्योंकि वजन ही सोने की कीमत तय करता है. कोशिश करें कि सोने का वजन आपकी आंखों के सामने हो.

अच्छे ज्वैलर से खरीदें: अपने देश में ढेरों ज्वैलर्स हैं लेकिन उनमें से भरोसे का ज्वैलर चुनना सबसे जरूरी है. किसी भी ज्वैलर से खरीदने के लिए उसके बारे में जान लें, कुछ लोगों से, उसके पुराने ग्राहकों से पता कर लें.

बिल: ग्राहक कोई भी सामान खरीदे, बिल लेना ही चाहिए फिर बिसकिट हो या सोना. बिल उस हर समय में काम आएगा जब आपको सोने को लेकर कोई भी शिकायत करनी हो या सोना चोरी हो जाए तब.

बायबैक पॉलिसी का पता करें: कई ज्वैलर बायबैक पॉलिसी देते हैं यानी सोना खरीदने के कुछ समय बाद आप वापस उसी ज्वैलर को सोना बेच सकते हैं. हालांकि ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आपको सोना वापस बेचना भी है या नहीं.

फैसला जल्दबाजी में न लें: सोने का मामला है, इससे जुड़ा कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें, किसी के दबाव में न लें. कीमतों के बारे में पता करें, दूसरे ज्वैलर के पास क्या रेट है चेक कर ले. अच्छे जानकार बनें.

बार्गेनिंग: बार्गेनिंग यानी “भैया कुछ कम करों ना”, ये सभी की आदत में होता है. अगर आपको ऐसा लगता है कि बार्गेनिंग ज्वैलर की दुकान पर नहीं हो सकती तो आप गलत हैं. आप ज्वैलर से एक तरीके से बार्गेनिंग कर सकते हैं. फिर आगे आपकी किस्मत!

सोने से जुड़ी खबरें पढ़ते रहे, ताकी आप हर अपडेट जान सकें. मनी 9 पर रोजाना गोल्ड से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.