गोल्ड ETF या फिजिकल गोल्ड, किसने दिया ज्यादा रिटर्न, मिलेगा 15 साल का हिसाब

ट्रंप टैरिफ की वजह से बाजारों में गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशक सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं. फिजिकल गोल्ड ने पिछले 10-15 सालों में 9-12% सालाना रिटर्न दिया, जबकि गोल्ड ETF ने 8.5-9.5% रिटर्न दिया है. ETF सुरक्षित और टैक्स फ्रेंडली है, जबकि फिजिकल गोल्ड पारंपरिक जरूरतों के लिए बेहतर है.

फिजिकल गोल्ड ने पिछले 10-15 सालों में 9-12% सालाना रिटर्न दिया, जबकि गोल्ड ETF ने 8.5-9.5% रिटर्न दिया है. Image Credit: Getty image

Gold vs Gold ETF: ट्रंप टैरिफ के कारण दुनिया भर के बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है. इसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. बाजार में मची अफरातफरी के बीच देश में कई लोगों का मानना है कि बाजार की तुलना में सोना अधिक सुरक्षित निवेश है. इसी कारण इस समय लोगों का रुझान सोने की ओर बढ़ा है. सोने में निवेश करते समय लोगों के पास दो विकल्प होते हैं . एक पारंपरिक फिजिकल गोल्ड और दूसरा गोल्ड ETF. कई लोग जानना चाहते हैं कि इन दोनों में से कौन-सा विकल्प अधिक रिटर्न देता है और बेहतर है. आइए, पिछले 10-15 वर्षों के रिटर्न के आधार पर इन दोनों की तुलना करते हैं और देखते हैं कि आपके लिए कौन-सा विकल्प सही रहेगा.

फिजिकल गोल्ड का रिटर्न कैसा रहा?

फिजिकल गोल्ड में गहने, सिक्के और बिस्किट (बार) शामिल होते हैं. भारत में फिजिकल गोल्ड रखना परंपरा से जुड़ा हुआ है और इसे शुभ माना जाता है. हालांकि, इसे रखने में चोरी और अन्य प्रकार के जोखिम भी होते हैं. India Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार, फिजिकल गोल्ड ने पिछले 15 वर्षों में सालाना औसतन 9 से 10 प्रतिशत तक रिटर्न दिया है. वहीं अगर 10 वर्षों के आंकड़ों को देखें, तो पता चलता है कि इसने लगभग 12 प्रतिशत सालाना रिटर्न दिया है, जो कई फिक्स्ड डिपॉजिट से भी बेहतर है.

गोल्ड ETF ने कितना रिटर्न दिया?

अगर गोल्ड ETF की बात करें, तो भारत सरकार ने इस स्कीम को 2007 में लॉन्च किया था. इसे ऑनलाइन खरीदा जा सकता है. रिटर्न की बात करें, मनी कंट्रोल के रिपोर्ट के मुताबिक, तो इसने पिछले 10-15 वर्षों में फिजिकल गोल्ड की तुलना में थोड़ा कम रिटर्न दिया है. उदाहरण के लिए, निप्पोन इंडिया गोल्ड ETF और एसबीआई गोल्ड ETF ने पिछले 10 वर्षों में सालाना 8.5 फीसदी से लेकर 9.5 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. वहीं अगर 15 वर्षों के आंकड़े देखें, तो कई ETF ने फिजिकल गोल्ड के बराबर या उससे बेहतर रिटर्न दिया है. इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि इसे रखने की कोई चिंता नहीं होती और यह टैक्स सेविंग में भी सहायक हो सकता है.

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कौन-सा विकल्प बेहतर है?

अगर आपका लक्ष्य लंबे समय में मुनाफा कमाना है और आप निवेश में ट्रांसपेरेंसी चाहते हैं, तो गोल्ड ETF आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. वहीं अगर आप चाहते हैं कि आपके पास फिजिकल गोल्ड हो, जिसे आप शादी-ब्याह जैसे पारंपरिक कामों में इस्तेमाल कर सकें, तो फिजिकल गोल्ड आपके लिए सही है.