सभी के लिए पेंशन स्कीम लाने की तैयारी में सरकार, नौकरी की जरूरत नहीं… सिर्फ करना होगा ये काम

Universal Pension Scheme: सरकार एक ऐेसी पेंशन स्कीम की रूपरेखा तैयार करने में जुटी है, जो देश के सभी नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सके. आने वाले समय में देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में इजाफा होने वाला है. इसलिए सरका पेंशन स्कीम पर काम कर रही है.

सभी के लिए पेंशन स्कीम लाने की तैयारी में सरकार. Image Credit: Getty image

Universal Pension Scheme: सरकार देश में एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने पर विचार कर रही है. यह पेंशन स्कीम वॉलंटरी और कंट्रीब्यूटरी होगी. मतलब यह कि देश का कोई भी नागरिक इस स्कीम में तय राशि का योगदान देकर पेंशन हासिल कर सकता है. इस स्कीम का उद्देश्य सभी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना होगा. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने अम्ब्रेला पेंशन योजना पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से ईटी ने लिखा कि यह योजना वॉलंटरी और कंट्रीब्यूटरी होगी. यह पेंशन स्कीम रोजगार से जुड़ी नहीं होगी और इसलिए हर कोई इसमें कंट्रीब्यूट कर सकता है और पेंशन प्राप्त कर सकता है.

स्कीम की रूपरेखा पर हो रहा काम

सूत्रों ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत योजना की व्यापक रूपरेखा पर काम किया जा रहा है. मंत्रालय योजना को पुख्ता करने के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत करेगा. मौजूदा पेंशन योजनाएं को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत मर्ज किया जा सकता है. इनमें प्रधानमंत्री-श्रम योगी मानधन योजना (PMSYM) और व्यापारियों और स्वरोजगार के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS-Traders) शामिल हैं.

दोनों ही वॉलंटरी नेचर स्कीम्स हैं और नामांकन के समय आयु के आधार पर 55 से 200 रुपये तक के कंट्रीब्यूशन पर ग्राहकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये की मंथली पेंशन और सरकार की ओर से बराबर का कंट्रीब्यूशन मिलता है.

अटल पेंशन स्कीम

अटल पेंशन योजना को भी इस मेगा स्कीम के तहत लाया जा सकता है. फिलहाल अटल पेंशन स्कीम का प्रबंधन पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) करता है. इसके अलावा, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (BOCW) अधिनियम के तहत जमा सेस को उस उद्योग में श्रमिकों के लिए पेंशन निधि में शामिल किया जा सकता है.

केंद्र राज्यों को अपनी पेंशन योजनाओं को इस योजना के अम्ब्रेला के तहत शामिल करने के लिए भी प्रेरित कर सकता है, ताकि सरकारी कंट्रीब्यूशन उनके बीच समान रूप से वितरित हो.

देश में बढ़ने वाली वरिष्ठ नागरिकों की संख्या

भारत में वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष और उससे अधिक आयु ) की संख्या 2036 तक 227 मिलियन या देश की आबादी का 15 फीसदी और 2050 तक 347 मिलियन या कुल आबादी का 20 फीसदी होने की उम्मीद है. अमेरिका, यूरोप, कनाडा, रूस, चीन और अन्य देश सोशल इंश्योरेंस सिस्टम प्रदान करते हैं, जिसमें स्वास्थ्य और बेरोजगारी कवर के साथ सामाजिक सुरक्षा या पेंशन शामिल हैं.

भारत में सामाजिक सुरक्षा मुख्य रूप से प्रोविडेंड फंड सिस्टम के साथ-साथ वृद्धावस्था पेंशन और स्वास्थ्य बीमा पर निर्भर है, जो केंद्र सरकार द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को प्रदान की जाती है. इनमें से ज्यादातर गरीबी रेखा से नीचे हैं.