HDFC बैंक ने लॉन्च की एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट, आम नगारिक नहीं… सिर्फ ऐसे लोग कर सकेंगे निवेश

HDFC Bank Fixed Deposit: एचडीएफसी बैंक के इस नए एफडी में सिर्फ अमेरिकी डॉलर करेंसी में निवेश की अनुमति है. अलग-अलग अवधि के लिए यह एफडी स्कीम उपलब्ध है, जिसमें निवेश किया जा सकता है. हालांकि, यह सभी के लिए उपलब्ध नहीं है.

एचडीएफसी बैंक की स्पेशल एफडी. Image Credit: Tv9 Bharatvarsh

HDFC Bank Fixed Deposit: प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक HDFC ने डिप्लोमैट या एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट लॉन्च किया है. यह फिक्स्ड डिपॉजिट कुछ खास ग्राहकों के लिए है. नए फिक्स्ड डिपॉजिट में इस बारे में सख्त दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है कि इसमें कौन निवेश कर सकता है. एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट खासतौर से डिप्लोमेट, नॉन-डिप्लोमेटिक स्टाफ और डिप्लोमेटिक मिशन में शामिल लोगों के लिए उपलब्ध है. ये फॉरेन करेंसी (FCY) फिक्स्ड डिपॉजिट है, जो केवल USD (संयुक्त राज्य डॉलर) में उपलब्ध हैं.

कितना पैसा कर सकते हैं निवेश?

मिनिमम डिपॉजिट राशि 5,000 अमेरिकी डॉलर के बराबर है. अतिरिक्त जमा राशि 1,000 अमेरिकी डॉलर के मल्टीपल में हो सकती है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, एम्बेसी डिपॉज़िट में व्यक्ति द्वारा निवेश की जा सकने वाली अधिकतम जमा राशि का कोई जिक्र नहीं है. एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट पर लागू ब्याज दरें हर महीने की पहली तारीख को जारी की जाती हैं और दरें मौजूदा बाजार स्थितियों के आधार पर बदल सकती हैं. ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं. इसलिए टर्म डिपॉजिट बुक करने से पहले ब्याज दरें जरूर चेक करें.

FD की अवधि में नहीं कर सकते हैं बदलाव

बैंक की वेबसाइट के अनुसार एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट में बुकिंग के बाद अवधि में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है. इसका मतलब है कि जमाकर्ता FD मैच्योर होने तक अवधि में बदलाव नहीं कर सकते. एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट सिर्फ कुछ निश्चित अवधि के लिए उपलब्ध है. डिप्लोमेट स्टाफ 1 महीने, 3 महीने, 6 महीने और 1 वर्ष की अवधि के लिए एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं.

मैच्योरिटी के बाद कैसे होगा पैसा वापस?

एम्बेसी फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए आटोमैटिक रिन्यूअल की अनुमति नहीं है. एक बार फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योर होने पर इनकम ओरिजनल विदेशी करेंसी अकाउंट में वापस कर दी जाती है. अगर जमाकर्ता फिर से निवेश करना चाहता है, तो उसे सभी डिक्लेरेशन और नॉमिनेशन समेत एक नया रिक्वेस्ट फॉर्म जमा करना होगा.

मैच्योरिटी से पहले निकासी पर फाइन

आंशिक या मैच्योरिटी से पहले निकासी अनुमति है. लेकिन इसके लिए जुर्माना भरना पड़ सकता है. ऐसे मामलों में लागू ब्याज दर वास्तविक जमा अवधि के अनुरूप दर होगी, जिसमें से 0.5 फीसदी जुर्माना घटाया जाएगा. अगर जुर्माने के चलते प्रभावी ब्याज दर शून्य से कम हो जाती है, तो जमा पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा.

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