पहली बार घर खरीद रहे हैं? इन स्मार्ट टिप्स से आप लेंगे सही फैसला
पहली बार घर खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो यहां वो हर जरूरी बातें एक्सपर्ट द्वारा बताई गई है जिससे नहीं चूकना है. इसमें फाइनेंस की योजना, रिसर्च, और फाइनेंसिंग स्कीम्स के बारे में जानकारी दी गई है.
राहुल मेहरोत्रा: आपने बिल्कुल सही कहा! अपना पहला घर खरीदना हर किसी के जीवन का एक बड़ा और यादगार अनुभव होता है. यह न केवल आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि एक सपने को सच करने जैसा भी लगता है. लेकिन पहली बार घर खरीदने वालों के लिए यह प्रक्रिया अक्सर मुश्किल और उलझन भरी हो सकती है, खासकर बैंकिंग प्रक्रिया और खरीदारी की जटिलताओं को समझने में. चाहे आप किसी रियल एस्टेट डेवलपर से नया घर खरीद रहे हों या पहले से बने घर का सौदा कर रहे हों, कुछ आसान ट्रिक्स आपकी मदद कर सकती हैं.
सबसे पहले:
- फाइनेंस की योजना बनाएं: अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें और तय करें कि आप कितनी ईएमआई आसानी से भर सकते हैं. साथ ही, डाउन पेमेंट और अन्य खर्चों के लिए एक स्पष्ट बजट बनाएं.
- अच्छी तरह रिसर्च करें: सरकार की कोई योजना, जैसे सब्सिडी या टैक्स बेनिफिट्स, आपके लाखों रुपये बचा सकती है. साथ ही, बाजार में अलग-अलग प्रॉपर्टीज और उनके रेट्स की तुलना करें.
फाइनेंसिंग स्कीम्स का लाभ उठाएं: होम लोन पर बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जाने वाली आकर्षक ब्याज दरों और ऑफर्स की जानकारी लें. सही योजना का चयन करने से आपके वित्तीय बोझ को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
- इन बुनियादी बातों को ध्यान में रखते हुए, पहली बार घर खरीदने का सपना पूरा करना न केवल आसान बल्कि संतोषजनक भी हो सकता है.
फाइनेंस को प्लान करना
घर खरीदने का सपना पूरा करने के लिए फाइनेंस को सही से प्लान करना बहुत जरूरी है. जब आप घर खरीदने की सोचते हैं, तो खुद से सही सवाल करना चाहिए. ये सवाल आपकी वित्तीय स्थिति को समझने और सही निर्णय लेने में मदद करते हैं.
सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि लोन देने वाले संस्थान, जैसे बैंक या वित्तीय कंपनियां, आमतौर पर आपकी क्रेडिट साख या क्रेडिट स्कोर की जांच करते हैं. क्रेडिट स्कोर एक नंबर होता है, जो यह बताता है कि आप लोन चुकाने के लिए कितने विश्वसनीय हैं. यह स्कोर वित्तीय संस्थानों को यह समझने में मदद करता है कि क्या आप आर्थिक रूप से स्थिर हैं और अगले 20-30 सालों तक हाउसिंग लोन की ईएमआई भरने में सक्षम हैं या नहीं.
जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, उन्हें कई फायदे मिलते हैं, जैसे:
• कम ब्याज दरें
• प्रोसेसिंग फीस में छूट
• बेहतर लोन ऑफर्स
हालांकि, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्होंने अपनी वित्तीय यात्रा हाल ही में शुरू की होती है और उनका क्रेडिट स्कोर आदर्श स्थिति में नहीं होता. इन मामलों में, सही योजना और बेहतर वित्तीय आदतों से अपने स्कोर को सुधारना संभव है. इसलिए, घर खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें और अपने स्कोर को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएं. इससे न केवल आपकी लोन प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि आपको बेहतर डील भी मिलेगी.
जब आप घर खरीदने के लिए लोन लेते हैं, तो हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) आपकी डेब्ट-टू-इनकम (डीटीआई) रेशियो की भी जांच करती हैं. यह रेशियो बताता है कि आपकी कुल आय के मुकाबले आप पर कितना कर्ज है.
उदाहरण के तौर पर, अगर आप हर महीने 1,00,000 रुपये कमाते हैं और पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड या शैक्षणिक लोन जैसे मौजूदा कर्जों की किस्तें चुकाने में 75,000 रुपये खर्च हो जाते हैं, तो आपका डीटीआई रेशियो काफी ज्यादा होगा. यह संकेत देता है कि आपकी वित्तीय स्थिति पर कर्ज का बड़ा दबाव है.
लोन मिलने की संभावना बढ़ाने के लिए, कई एचएफसी और उनके रिलेशनशिप मैनेजर सलाह देते हैं कि आप लोन प्रक्रिया शुरू करने से पहले अपने मौजूदा कर्जों का पेमेंट कर दें. यह एक व्यावहारिक सलाह है, क्योंकि इससे आपका वित्तीय बोझ कम होगा और आपका मामला मजबूत बनेगा.
घर खरीदना एक बड़ा वित्तीय फैसला है, जिसके लिए अनुशासन और योजना जरूरी होती है. पहली बार संपत्ति खरीदने वालों को सिर्फ डाउन पेमेंट के लिए पैसे बचाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि कई अन्य खर्चों के लिए भी तैयार रहना चाहिए. इनमें शामिल हैं:
• बीमा
• संपत्ति कर
• नगरपालिका या नागरिक शुल्क
• लोन प्रोसेसिंग फीस
इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि आप समझें कि संपत्ति की पूरी कीमत पर लोन नहीं मिलता. बैंक आमतौर पर संपत्ति की कीमत का एक हिस्सा ही फाइनेंस करते हैं, बाकी रकम आपको खुद देनी होगी. इन सभी पहलुओं पर ध्यान देकर और सही योजना बनाकर आप घर खरीदने की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बना सकते हैं.
ज्यादा से ज्यादा रिसर्च कीजिये
जब आप रियल एस्टेट में घर खरीदने की सोच रहे हों, तो पूरी जानकारी और रिसर्च करना बेहद जरूरी है. कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है कि आपको कितना शोध करना चाहिए, लेकिन यह तय है कि जितनी जानकारी आप जुटाएंगे, आपका निर्णय उतना ही बेहतर होगा.
मात्र बाजार के नए ट्रेंड्स जानना ही काफी नहीं है. आपको यह भी देखना होगा कि जिस क्षेत्र में आप प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं, वहां का विकास कैसा हो रहा है. क्या वहां की कीमतों में बदलाव आ रहा है? ब्याज दरों में बढ़ोतरी या गिरावट का क्या असर पड़ेगा? ये सभी बातें आपकी खरीदारी को समझदारी से प्लान करने में मदद करती हैं.
अक्सर, खरीदार लोकेशन और आसपास के इलाके के बारे में तो खूब रिसर्च करते हैं, लेकिन लोन देने वाले लेंडर या फाइनेंसर के बारे में गहराई से नहीं सोचते. यह एक बड़ी गलती हो सकती है. लोन की ईएमआई का शेड्यूल, लेंडर की सत्यापन प्रक्रिया, और उनका कामकाज का तरीका—ये सभी बातें बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि घर का लोन अक्सर 20 से 30 साल तक चलता है.
अपनी स्थानीय हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (एचएफसी) या बैंक की शाखा के महाप्रबंधक से मिलकर बातचीत करना भी फायदेमंद हो सकता है. अच्छे संबंध बनाने से आपको बीमा प्रीमियम में छूट, कम ब्याज दर, या लोन पुनर्भुगतान के शेड्यूल को आकर्षक बनाने जैसे फायदे मिल सकते हैं. थोड़ा अतिरिक्त समय और प्रयास लगाकर आप एक बेहतर और सही फैसला ले सकते हैं. आपका यह शोध घर खरीदने की प्रक्रिया को सरल और तनावमुक्त बनाएगा.
फाइनेंसिंग स्कीम्स
घर खरीदने के लिए सही फाइनेंसिंग योजना चुनना आपके सपनों के घर को हकीकत में बदल सकता है. पहली बार घर खरीदने वाले लोगों के लिए कई आकर्षक फाइनेंसिंग विकल्प उपलब्ध हैं, जो घर खरीदने को और आसान बना देते हैं. इनमें शामिल हैं कम ब्याज दरों पर लोन, कम डाउन पेमेंट, और सरकारी सहायता वाले प्रोग्राम. इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आप समय निकालकर सभी विकल्पों पर रिसर्च करें और उनकी तुलना करें. इससे आप ऐसी फाइनेंसिंग योजना चुन सकते हैं, जो आपकी आर्थिक स्थिति और भविष्य के लक्ष्यों के अनुकूल हो. पहली बार घर खरीदने वालों के लिए कुछ प्रोग्राम्स में शैक्षणिक सामग्री और मार्गदर्शन भी शामिल होते हैं, जो मॉर्गेज प्रक्रिया को समझने में मदद करते हैं.
कई बार ऐसा होता है कि खरीदार को उम्मीद होती है कि उसे 1 करोड़ रुपये का लोन मिलेगा, लेकिन बैंक केवल 75 लाख रुपये ही स्वीकृत करता है. ऐसे मामलों में अक्सर खरीदार को निराशा होती है या फिर वह बाकी रकम जुटाने में समय बर्बाद करता है. इन स्थितियों में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन (एनबीएफसी) मददगार साबित हो सकती हैं. ये संस्थाएं पूर्व-स्वीकृत लोन की सुविधा देती हैं, जिससे घर खरीदने की प्रक्रिया तेज और आसान हो जाती है.
इस साल, हाउसिंग लोन लेने वालों की औसत उम्र में कमी देखी गई है, जिसका मतलब है कि अधिक युवा लोग अब अपने घर खरीदने का सपना पूरा कर रहे हैं. यह न केवल फाइनेंसिंग और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि यह टेक्नोलॉजी और नई सोच के जरिए घर खरीदने के अनुभव को और बेहतर बना रहा है. सही फाइनेंसिंग योजना और समय पर निर्णय लेने से आपका घर खरीदने का सपना न केवल पूरा हो सकता है, बल्कि वह भी आपकी आर्थिक स्थिति के लिए अनुकूल तरीके से.
कुल मिलाकर…अपना पहला घर खरीदना एक बड़ा और खास सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए सही योजना और सोच-समझकर लिए गए फैसले जरूरी हैं. इसके लिए आपकी वित्तीय स्थिति का सही मूल्यांकन, बाजार और फाइनेंसिंग विकल्पों की गहराई से जांच-पड़ताल, और उपलब्ध योजनाओं का पूरा फायदा उठाना बेहद मददगार साबित हो सकता है. जब आप अपने फाइनेंस को बेहतर तरीके से प्लान करते हैं और सभी विकल्पों को ध्यान से परखते हैं, तो आप न केवल अपने सपनों का घर खरीदने के करीब पहुंचते हैं, बल्कि एक सुरक्षित और संतोषजनक भविष्य की नींव भी रखते हैं. थोड़ी सी तैयारी और सूझबूझ के साथ, घर खरीदने का सफर आपके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बन सकता है.