ट्रेन से उतरने के बाद कितनी देर तक प्लेटफॉर्म पर रुक सकता है यात्री, जानें नियम
ट्रेन में यात्रा के दौरान साथ में आने वाले परिजनों या दोस्तों को एंट्री के लिए प्लेटफॉर्म टिकट लेना जस्री होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये प्लेटफॉर्म टिकट कितनी देर के लिए मान्य होता है, क्या इसके बाद कोई पेनाल्टी लगती है. क्या है रेलवे के नियम आइए जानते हैं.
देश में लाखों लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं. जिसकी वजह से भारतीय रेलवे को देश की धड़कन भी कहते हैं. ट्रेन से यात्रा करने के लिए लोगों को टिकट खरीदनी पड़ती है, लेकिन क्या आपको पता है महज ट्रेन ही नहीं बल्कि रेलवे के प्लेटफॉर्म पर एंट्री लेने के लिए भी एक टिकट की जरूरत होती है, जिसे प्लेटफॉर्म टिकट कहते हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जिस यात्री ने ट्रेन टिकट ले रखा है और उसकी यात्रा रात में पूरी हो गई, मगर सुरक्षा के लिहाज से वो प्लेटफॉर्म पर रात बिताना चाहता है, तो क्या उसे भी प्लेटफॉर्म टिकट खरीदना होगा.
रेलवे प्लेटफॉर्म पर ठहरने के नियम
रेलवे के नियम के मुताबिक पैसेंजर को अगर उसके दोस्त या रिश्तेदार स्टेशन छोड़ने आते हैं तो उन्हें प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट खरीदना होगा. दिन के समय में ये 2 घंटे के लिए मान्य होगा, जबकि रात के लिए यह 6 घंटे तक वैध रहेगा. वहीं अगर कोई पैसेंजर अपनी यात्रा खत्म करके रेलवे स्टेशन पर उतरता है और प्लेटफॉर्म पर रात बिताना चाहता है तो इसके लिए उसे अलग से प्लेटफॉर्म टिकट नहीं खरीदनी होगी. वह अपने मौजूदा टिकट के आधार पर प्लेटफॉर्म पर रुक सकता है. रेलवे ने इसके लिए वेटिंग रूम भी बनाए हैं. वहां यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था रहती है.
प्लेटफॉर्म टिकट न होने पर चुकानी होगी पेनाल्टी
रेलवे के नियम के मुताबिक प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट की जरूरत होती है. ज्यादातर भारतीय रेलवे स्टेशनों में इसकी कीमत 10 रुपए है, पहले इसके दाम 2 से 5 रुपए के बीच थे. हालांकि कोविड काल के दौरान रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाकर 50 रुपए कर दिए थे. रेलवे ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ऐसा किया था, हालांकि बाद में दोबारा फीस को कम करके 10 रुपए कर दिया गया. प्लेटफॉर्म टिकट के बिना किसी के पकड़े जाने पर उन पर 250 रुपए या इससे अधिक पेनाल्टी लगाई जा सकती है.