Share को गिफ्ट करने पर कितना लगाता है टैक्स… जानें क्या कहता है नियम
आप जान कर हैरान रह जाएंगे की आप शेयर को भी गिफ्ट के रूप में दे सकते है. अब स्वाभाविक है कि सरकार की तरफ से इसपर कुछ टैक्स भी लगाया जाएगा. आइए इसी कड़ी में उपहार देने के सिलसिला को आगे बढ़ाते हुए जानेंगे की उपहार स्वरूप दिए गए शेयरों पर लगने वाले टैक्स के बारे में...
दुनिया में उपहार देने की परंपरा प्राचीन मूर्ति पूजा अनुष्ठानों से शुरू हुई, जो सर्दियों के दौरान किए जाते थे. प्राचीन काल से शुरू हुआ ये सिलसिला अब बदलता जा रहा है. अब लोग अलग-अलग रूप में गिफ्ट देते है. आप जान कर हैरान रह जाएंगे की आप शेयर को भी गिफ्ट के रूप में दे सकते है. अब स्वाभाविक है कि सरकार की तरफ से इसपर कुछ टैक्स भी लगाया जाएगा. आइए इसी कड़ी में उपहार देने के सिलसिला को आगे बढ़ाते हुए जानेंगे की उपहार स्वरूप दिए गए शेयरों पर लगने वाले टैक्स के बारे में…
क्या कहता हैं नियम ?
भारतीय कानून के मुताबिक किसी को पैसे, अचल संपत्ति या चल संपत्ति (immovable property or movable property) उपहार में दे सकते हैं. ऐसे में आप कानूनी रूप से शेयर बाजार से खरीदे गए शेयर को किसी भी व्यक्ति को उपहार के रूप में दे सकते हैं. बता दें कि उपहार इनकम टैक्स नियमों के अधीन हैं.
टैक्स लगता है या नहीं
शेयरों को उपहार के स्वरूप में लेनदेन करने पर आयकर अधिनियम, 1961 के तहत टैक्स लगता है. इसमें उपहार देने वाले और उपहार लेने वालों के लिए अलग-अलग नियम होते हैं. यदि आप किसी को शेयर उपहार में देते हैं, तो आपको इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. यदि आपने उपहार अपने पति, पत्नी या नाबालिग बच्चे को दिया गया है, तो इससे होने वाली कमाई आपकी आय में जोड़ी जाएगी.
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किस स्थिति में लगता है टैक्स
यदि आप किसी से शेयर उपहार में लेते हैं, तो अगर शेयरों का monetary value (fair market value) 50,000 रुपये तक है, तो इसे टैक्स फ्री माना जाएगा. यदि यह कीमत 50,000 रुपये से अधिक है, तो इसे Other Income के रूप में टैक्स स्लैब दरों के अनुसार कर देना होगा.
वहीं शेयर किसी करीबी रिश्तेदार (जैसे माता-पिता, भाई, बहन) से प्राप्त हुए हैं, तो यह टैक्स फ्री होगा. इसके अलावा शादी, उत्तराधिकार या दानकर्ता की मृत्यु के कारण प्राप्त शेयर टैक्स फ्री माने जाते हैं. जब उपहार लेने वाला शेयरों को बेचता है, तो उस पर capital gains टैक्स लागू होगा.
दो तरह के होते है capital gains
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG): यदि शेयरों को 12 महीने से अधिक समय तक रखा गया है, तो इसे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन कहते है. इस पर LTCG के तहत टैक्स लागू होगा.
- शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG): यदि 12 महीने से कम समय तक रखा गया है, तो इसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन कहते है. इस पर STCG के तहत टैक्स लागू होगा.
उदाहरण से समझिए शेयरों को गिफ्ट करने का गणित
चलिए शेयर को उपहार के रूप में लेनदेन करने पर कितना टैक्स लगेगा इसे उदाहरण के माध्यम से देखते हैं. राम ने 15 फरवरी 2020 को किसी कंपनी के 2,000 शेयर ₹100 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे. बाद में, 1 सितंबर 2020 को, उन्होंने इनमें से 1,000 शेयर अपने पिता को उपहार में दिए। उस समय इन शेयरों का फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) ₹200 प्रति शेयर था. इसके बाद, पिता ने 2 मार्च 2021 को इन 1,000 शेयरों को ₹400 प्रति शेयर के हिसाब से बेच दिया.
इस स्थिति में, राम को इन शेयरों को उपहार में देने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसी तरह, राम के पिता को उपहार लेने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि, जब राम के पिता ने इन शेयरों को बेचा, तो उन्हें Capital Gains Tax देना होगा. इससे मिले अमाउंट जो, ₹4,00,000 (1,000 शेयर × ₹400) थी. खरीद कीमत, राम द्वारा इन शेयरों की खरीदारी के समय की लागत के आधार पर, ₹1,00,000 (1,000 शेयर × ₹100) थी.
इस तरह, लॉंग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) ₹3,00,000 हुआ. इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 112A के तहत, ₹1,00,000 से अधिक के प्रॉफिट पर 10% टैक्स देना होता है. इसलिए, राम के पिता को ₹20,000 (₹2,00,000 × 10%) टैक्स देना होगा.
क्या होता है FMV?
Fair Market Value वह कीमत है जिस पर कोई ऐसेट मौजूदा बाजार स्थितियों के तहत बेची जाएगी, यह मानते हुए कि बायर और सेलर दोनों ही Best possible price की तलाश कर रहे हैं.
कैसे शेयर को कर सकते है गिफ्ट ?
हमने जाना की शेयर को उपहार के तौर पर देने से कितना टैक्स लगेगा. अब हम जानते है कि शेयर को उपहार के तौर पर दिया कैसे जाता है और इसके लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है. उपहार के प्रमाण के लिए कुछ दस्तावेज जरूरी होते है. शेयर को उपहार के तौर पर देने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है. उपहार देने वाले को अपने डीमैट अकाउंट से ई-डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (E-DIS) भरकर शेयर ट्रांसफर कर सकता है.
यह दस्तावेज जरूरी
इसके लिए गिफ्ट डीड, जिसमें उपहार देने वाला और उपहार लेने वाले की जानकारी, शेयर डिटेल्स आदि शामिल हो. इसके साथ ही, उपहार देने वाला और उपहार लेने वाला दोनों के आईडी प्रूफ और डिमैट अकाउंट की डिटेल्स जरूरी होती हैं. सभी दस्तावेजों को सही ढंग से तैयार कर ट्रांसफर कर सकते है.
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