Pi Coin की कमाई पर कितना लगेगा टैक्स, कैसे होगा कैलकुलेट; जान लें TDS से लेकर सेस तक के रेट

Cryptocurrency में निवेश करने वाले और उससे मुनापा कमाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. हाल में आया Pi Coin भी सुर्खियों में हैं. लेकिन आप निवेश करें इससे पहले ये जान लें कि क्रिप्टोकरेंसी पर कितना टैक्स लगता है. इसके अलावा, 1% टीडीएस भी लगता है जो क्रिप्टो सेल ट्रांजैक्शन पर काटा जाता है. फिर सेस भी लगाया जाता है. कैसे कैलकुलेशन होता है. चलिए यहां सब जानते हैं.

Pi coin पर कैसे लगता है टैक्स Image Credit: Canva

How Pi coin is Taxed: क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया तेजी से बड़ी होती जा रही है. अभी हाल ही में Pi Coin सुर्खियों में है, इसके लॉन्च होते ही इसकी कीमत 1 डॉलर को पार कर गई. बिटकॉइन की कीमत 90 हजार डॉलर के करीब है. इसके रिटर्न कई लोगों को इसमें निवेश के लिए आकर्षित करते हैं लेकिन भारत क्रिप्टोकरेंसी के पूरी तरह पक्ष में नहीं है और ना ही सरकार इसे प्रमोट करती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया तो इसके सख्त खिलाफ है और इसे लेकर आए दिन चेतावनी जारी करता है. हालांकि क्रिप्टो को इतनी स्वीकार्यता तो मिल गई है कि सरकार ने इस पर टैक्स लगाना शुरू कर दिया है. चलिए बताते हैं क्रिप्टो से जुड़ी कितनी गतिविधियों पर टैक्स लगता है, कितना टैक्स लगता है और कैसे टैक्स वसूला जाता है. यहां हम आपको उदाहरण से भी समझाएंगे क्रिप्टो पर कैसे टैक्स लगता है.

बता दें कि में जब से लोगों की दिलचस्पी क्रिप्टो में बढ़ने लगी तो 2013 में पहली बार रिजर्व बैंक ने आधिकारिक रूप से सर्कुलर जारी किया और इसे लेकर चेतावनी जारी की. लेकिन जब इसका कोई असर नहीं पड़ा तो रिजर्व बैंक 2018 में एक और सर्कुलर जारी कर क्रिप्टो एक्सचेंज को बैंकिग फैसिलिटी लेने से रोक दिया. लेकिन जब इसे 2020 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली तो RBI को हाथ पीछे खींचने पड़े. ऐसे में 2022 में सरकार ने कदम उठा कर इस पर टैक्स लगा दिया.

भारत में क्रिप्टो पर टैक्स

भारत में क्रिप्टो से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना पड़ता है. 2022 के बजट में सरकार ने इस बारे में पहली बार स्थिति स्पष्ट की थी. बजट 2022 में सरकार ने तय किया कि, क्रिप्टो और अन्य डिजिटल एसेट्स को “वर्चुअल डिजिटल एसेट” (VDA) की कैटेगरी में रखा गया.

हालांकि अगर आप TDS क्लेम करने पात्र हैं तो आप टीडीएस का रिफंड ले सकते हैं.

भारत में कैसे लगता है क्रिप्टो टैक्स?

कौन-कौन से क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर देना होता है टैक्स?

कैसे केलकुलेट होता है क्रिप्टो टैक्स?

पहला उदाहरण: मान लीजिए आपने 1 बिटकॉइन (BTC) ₹1,00,000 में खरीदा और बाद में उसे ₹1,50,000 में बेच दिया.

इसका मतलब आपको 50,000 का मुनाफा हुआ

अब इस प्रॉफिट पर लगेगा 30 फीसदी का टैक्स: ₹50,000 × 30% = ₹15,000
4% सेस भी लगेगा: ₹15,000 × 4% = ₹600
कुल टैक्स: ₹15,000 + ₹600 = ₹15,600

टैक्स अभी बाकी है क्योंकि अब TDS कटेगा. TDS क्रिप्टों की सेल वैल्यू पर लगेगा यानी ₹1,50,000
1% TDS: ₹1,50,000 × 1% = ₹1,500
फाइलिंग के समय टोटल टैक्स: ₹15,600 – ₹1,500 = ₹14,100

दूसरा उदाहरण: मान लीजिए आपको नुकसान हो जाए, तो अगर आपने ₹20,000 में एक और क्रिप्टो खरीदा और उसे ₹15,000 में बेच दिया. इस ट्रेड में ₹5,000 का नुकसान हुआ. इस नुकसान को पहले वाले ₹50,000 के प्रॉफिट के साथ सेट-ऑफ नहीं किया जा सकता. इसलिए पहले वाले ट्रेड पर ₹15,600 टैक्स ही रहेगा.

दूसरे ट्रेड में 1% TDS कटेगा: ₹15,000 × 1% = ₹150
TDS का कुल पेमेंट: ₹1,500 + ₹150 = ₹1,650
फाइलिंग के समय कुल टैक्स: ₹15,600 – ₹1,650 = ₹13,950