गुम या चोरी हो गया है फोन तो कैसे बंद कराएं UPI आईडी, यहां जानें आसान तरीका
आजकल ज्यादातर ट्रांजैक्शन ऑनलाइन किए जाते हैं और यूपीआई उसमें से सबसे लोकप्रिय विकल्प है. चूंकि सब डेटा मोबाइल पर होता है, ऐसे में इसके चोरी होने या गुम होने से समस्या हो सकती है. ऐसी स्थिति में अपनी यूपीआईडी आईडी को कैसे करें बंद, यहां जानें तरीका.
सब्जी मंगाने से लेकर बिल चुकाने तक आजकल हर काम ऑनलाइन किए जाते हैं. मोबाइल के जरिए चुटकियों में होने वाले इन कामों के चलते UPI ट्रांजैक्शन में काफी बढ़ोतरी हुई है. मगर इस ऑनलाइन सुविधा के कुछ नुकसान भी हैं, क्योंकि आपका फोन गुम होने या चोरी होने पर आपके बैंक खाते का गलत इस्तेमाल हो सकता है. जालसाज आपके मोबाइल में मौजूद फोन पे, गूगल पे, पेटीएम जैसे तमाम यूपीआई पेमेंट ऐप का इस्तेमाल कर आपके बैंक खातों को साफ कर सकते हैं. ऐसे में अगर आपको भी फोन चोरी हो या गया है या खो गया हो तो कैसे अपनी यूपीआई आईडी को सुरक्षित रखें, ये जानना बेहद जरूरी है.
सिम को ब्लॉक कराना सबसे जरूरी
अगर किसी का फोन चोरी हो जाता है या गुम हो जाता है तो सबसे पहले अपने सिम को ब्लॉक करवाएं क्योंकि आपके सभी ओटीपी मोबाइल नंबर पर आते है. ऐसे में तुरंत सिम डीएक्टिवेट करने के लिए कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव से बात करें. कस्टमर केयर आपसे सिम ब्लॉक करने की वजह पूछेगा. तब उसे सटीक कारण बताएं और उसकी ओर से मांगी गई जानकारियां जैसे- अपनरा नाम, बिलिंग एड्रेस, आखिरी रिचार्ज की डिटेल्स, ईमेल आईडी आदि दें. ऐसा करते ही आपका सिम ब्लॉक हो जाएगा जिससे आपके मोबाइल नंबर पर यूपीआई पिन रिजेक्ट हो जाएगा.
डायरेक्ट कैसे बंद कराएं UPI आईडी?
सिम ब्लॉक कराने के अलावा आप डायरेक्ट भी अपनी UPI आईडी को ब्लॉक कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने पेमेंट बैंक के कॉल सेंटर पर फोन करके कस्टमर केयर से संपर्क करना होगा. उदाहरण के तौर पर अगर आप PayTM UPI आईडी काे बंद कराना चाहते हैं तो पेटीएम बैंक हेल्पलाइन नंबर 0120-4456-456 पर कॉल करें. आप चाहे तो दूसरे मोबाइल से ऑनलाइन लॉगइन करके आईडी बंद कर सकते हैं. इसके अलावा iOS यूजर्स find my app और दूसरे ऐपल अथॉराइज्ड टूल से भी सारा डेटा डिलीट करके गूगल पे अकाउंट ब्लॉक किया जा सकता है.
FIR कराएं दर्ज
मोबाइल में मौजूद डेटा का गलत इस्तेमाल न हो इसके लिए यूजर्स को नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर मोबाइल चोरी होने की FIR दर्ज करानी होगी. इस एफआईआर के जरिए ही बाद में आप अपने पुराने नंबर को पोर्ट करा पाएंगे और बैंक अकाउंट को दोबारा चालू करवा सकेंगे.