सस्ते सोने के चक्कर में न पड़ें, ऐसे पहचानें असली सोना!

त्योहारी सीजन में सोना खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की पहचान करना बहुत जरूरी है ऐसा न करने पर मंहगी कीमत पर आप घर नकली सोना लेकर आ सकते हैं. आर्टिकल में जानें सोने की शुद्धता की पहचान कैसे करें और किन चीजों का ध्यान रखें....

सोना खरीदते समय रखें इन बातों का ख्याल Image Credit: Getty Images/Majority World

त्योहारी सीजन में सोना खरीदने का अलग ही क्रेज होता है. लेकिन जब बात सोने की शुद्धता की आती है, तो कई लोग असमंजस में रहते हैं. असली और नकली सोने में अंतर करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है. इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे आसान तरीके बताएंगे जिनसे आप सोने की शुद्धता पहचान सकते हैं और खुद को गोल्ड फ्रॉड से दूर रख सकते हैं.

गोल्ड हॉलमार्किंग क्या है?

गोल्ड हॉलमार्किंग एक ऑफिसियल सिस्टम है जो सोने की शुद्धता और उसकी गुणवत्ता की गारंटी देता है. भारत में सोने के गहनों की हॉलमार्किंग की जिम्मेदारी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) की होती है. BIS हॉलमार्किंग यह सुनिश्चित करती है कि जो सोना आप खरीद रहे हैं वह तय मानकों के अनुसार शुद्ध और असली है.

सोने की शुद्धता की पहचान कैसे करें?

जब भी आप सोना खरीदने जाएं तो सोने के गहनों पर ये तीन महत्वपूर्ण निशान जरूर चेक करें:

  1. BIS स्टैंडर्ड मार्क

BIS स्टैंडर्ड मार्क सोने की शुद्धता का सबसे बड़ा प्रमाण होता है. यह निशान दर्शाता है कि सोने की जांच BIS से मान्यता प्राप्त लैब में की गई है और यह तय शुद्धता के मानकों को पूरा करता है. यह निशान एक त्रिकोण के आकार में होता है जिसके नीचे “BIS” लिखा होता है. इस मार्किंग के बिना सोने की शुद्धता पर यकीन करना मुश्किल हो सकता है.

  1. कैरेट और फाइननेस में शुद्धता का ग्रेड

दूसरा महत्वपूर्ण निशान है शुद्धता का ग्रेड जो कैरेट और फाइननेंस दोनों में दर्शाया जाता है. उदाहरण के लिए:

22K (916): इसका मतलब है कि सोने में 91.6% शुद्धता है जो कि भारत में आमतौर पर इस्तेमाल होता है.
18K (750): इसका मतलब 75% शुद्ध सोना.
14K (585): इसका मतलब 58.5% सोना.
ये नंबर दर्शाते हैं कि गहनों में कितना प्रतिशत शुद्ध सोना है. जितना बड़ा नंबर, उतनी ज्यादा शुद्धता.

  1. ज्वैलर्स की पहचान और हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो

सोने के गहनों पर ज्वैलर्स की पहचान और हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो भी होना चाहिए. हर BIS-प्रमाणित ज्वैलर की एक यूनिक पहचान होती है जो गहनों पर अंकित होती है. इसके अलावा, हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो यह दर्शाता है कि गहनों की शुद्धता की जांच एक मान्यता प्राप्त केंद्र पर की गई है.

सोना खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें