इनकम टैक्स बचाने के 7 जोरदार तरीके, यहां करें निवेश बच जाएगा मोटा पैसा

Income Tax Exemption: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का समय धीरे-धीरे अब करीब आने लगा है. टैक्सपेयर्स न्यू और ओल्ड रिजीम को चुनते समय कई चीजों का ध्यान रखते हैं. ओल्ड टैक्स रिजीम में कई तरह की छूट मिलती है. कुछ ऐसी स्कीम्स हैं, जिसमें निवेश कर आप टैक्स बचा सकते हैं.

इनकम टैक्स सेविंग टिप्स. Image Credit: Getty image

Income Tax Exemption: देश में फिलहाल इनकम टैक्स की दो व्यवस्था है, जिसे ओल्ड और न्यू रिजीम के नाम से जाना जाता है. सरकार लगातार न्यू टैक्स रिजीम को बढ़ावा दे रही है. इस रिजीम में सरकार ने इस बार के बजट में बड़ा बदलाव करते हुए 12.75 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री कर दिया. लेकिन पुरानी रिजीम में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. ओल्ड टैक्स रिजीम में 4 लाख रुपये तक की कमाई पर जीरो टैक्स लगता है. हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में कई तरह की छूट मिलती हैं, जिसका लाभ उठाकर टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन नई टैक्स रिजीम में कोई छूट नहीं मिलती है. इसलिए अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम को चुनते हैं, तो कुछ छूट को भी जान लेते हैं.

नेशनल पेंशन स्कीम

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को रिटायरमेंट के लिए बेस्ट ऑप्शन माना जाता है. ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने वाले इस स्कीम में निवेश कर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये बचा सकते हैं. वहीं, 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन मिलता है. इस स्कीम में निवेश कर आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) को लॉन्ग टर्म निवेश के लिए बेहतर स्कीम माना जाता है. यह एक टैक्स फ्री निवेश विकल्प है. इस स्कीम में निवेश कर टैक्सपेयर्स 80C के तहत छूट का लाभ उठा सकते हैं. पीपीएफ में ब्याज की राशि और मैच्येरिटी पर मिलने वाली रकम भी टैक्स फ्री होती है.

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में टैक्सपेयर्स को लाइफ इंश्योरेंस के साथ इन्वेस्टमेंट का फायदा मिलता है. इसमें पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है. ULIP में प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है और मैच्योरिटी राशि पर भी टैक्स नहीं लगता है.

टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट

टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश कर भी टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं. आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है. टैक्स सेवर एफडी पांच साल की लॉक इन पीरियड के साथ आती है और इसमें 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है.

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) स्कीम बुजुर्गों के लिए काफी फायदेमंद स्कीम है. इस स्कीम में निवेश की राशि पर सालाना 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में 30 लाख रुपये तक की निवेश की राशि पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है.

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सरकार बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना चलाती है. इस स्कीम में माता-पिता अपनी बेटियों के नाम पर निवेश कर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. इसमें 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है और इसका रिटर्न भी टैक्स-फ्री होता है.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक शानदार टैक्स सेविंग स्कीम है. इस स्कीम में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है. इस स्कीम में 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. ELSS में लॉक इन पीरियड सिर्फ तीन साल का है.

एनपीएस वात्सल्य

अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि पेंशन स्कीम एनपीएस वात्सल्य में निवेश करने वाले इनकम टैक्स की धारा 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये तक के वार्षिक योगदान पर कर छूट का लाभ उठा सकते हैं. वित्त मंत्री सीतारमण ने एनपीएस वात्सल्य के लिए टैक्स छूट का विस्तार किया है. इसमें धारा 80CCD (1B), 12(B) और 80CCD (3) शामिल हैं. यह छूट धारा 80C के तहत सामान्य 1.5 लाख रुपये से अधिक है.

आसान भाषा में समझें, तो अगर कोई माता-पिता अपने बच्चे के नाम से एनपीएस वात्‍सल्‍य स्‍कीम (NPS Vatsaly Scheme) में निवेश करता है, तो उसे 50,000 रुपये तक की अत‍िरिक्‍त टैक्‍स छूट मिलेगी.

कितनी मिलेगी छूट?

ध्यान देने वाली बात यह है कि इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्सपेयर्स सेविंग स्कीम में निवेश कर 1.5 लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं. इतनी ही लिमिट तय की गई है. सरकार सेविंग स्कीम में निवेश को बढ़ावा देने के लिए टैक्सपेयर्स को यह छूट देती है.