शेयरों में हुए घाटे से बचाएं टैक्स, 31 मार्च तक मौका, जानें कैसे और कितने तक का मिल सकता है फायदा?

अगर आपको भी Share Market में घाटा हुआ है, तो आप इस घाटे का इस्तेमाल टैक्स सेविंग में कर सकते हैं. इसे टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग भी कहा जाता है. इसका मतलब होता है कि अगर आपको एक शेयर में घाटा हुआ है और दूसरे में मुनाफा, तो मुनाफे पर लगने वाले टैक्स को घाटे से काटा जा सकता है. इस साल 31 मार्च तक इसका फायदा उठाया जा सकता है. जानते हैं, यह कैसे काम करता है और आप कैसे इसका फायदा उठा सकते हैं.

बाजार में हुए घाटे से टैक्स बचत की जा सकती है Image Credit: freepik

Share Market में हमेशा प्रॉफिट हो जरूरी नहीं है. अगर आपको भी बाजार कुछ शेयरों में घाटा हुआ है, तो आप इस घाटे से अपने दूसरे शेयरों के साथ ही प्रॉपर्टी, बैंक एफडी सहित तमाम दूसरे एसेट्स में हुए फायदे पर लगने वाले टैक्स के खिलाफ फायदा ले सकते हैं.

इस व्यवस्था को टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग कहा जाता है. इसमें किसी एक एसेट में किए गए निवेश में हुए घाटे को दूसरे एसेट्स में हुए मुनाफे पर लगने वाले कैपिटल गेन टैक्स के एडजस्ट किया जा सकता है. जब घाटे को फायदे से घटाया जाता है, तो इससे कुल टैक्सेबल इनकम घट जाती है. इस तरह बाजार में हुआ लॉस आपके लिए टैक्स सेविंग का सॉलिड जरिया बन जाता है.

कैसे करें टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग?

अपने पोर्टफोलियो में नुकसान में चल रहे स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स की पहचान करें. नुकसान में चल रहे इन स्टॉक्स और फंड्स को 31 मार्च से पहले बेच दें ताकि इस वित्तीय वर्ष में नुकसान को बुक किया जा सके. इसके बाद इस नुकसान को इस वर्ष के कैपिटल गेन के खिलाफ एडजस्ट कर सकते हैं, जिससे कुल टैक्स देनदारी कम हो जाएगी. इसके बाद बेचे गए स्टॉक्स और फंड्स को चाहें, तो तुरंत फिर से खरीद सकते हैं. हालांकि, ऐसा करते समय ‘वॉश सेल रूल्स’ का पालन करें, ताकि टैक्स संबंधित समस्याओं से बचा जा सके.

31 मार्च की समय सीमा

टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग का फायदा उठाने के लिए 31 मार्च की समय सीमा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. क्योंकि, यह वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होता है. इस तारीख तक नुकसान बुक करने से आप इस वर्ष की टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं. यदि आप इस तारीख के बाद नुकसान बुक करते हैं, तो उसका एडजस्टमेंट अगले वित्तीय वर्ष में होगा, जिससे इस वर्ष की टैक्स बचत का लाभ नहीं मिल पाएगा.

इन बातों का रखें ध्यान

जब कैपिटल लॉस को कैपिटल गेन से एडजस्ट करें, तो ध्यान रखें कि एक लॉस वाले ट्रांजेक्शन को एक ही प्रॉफिट वाले ट्रांजेक्शन से सेट ऑफ करें. अगर एक ट्रांजेक्शन में 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है और दूसरे में 7 लाख का प्रॉफिट हुआ है, तो ऐसा नहीं किया जा सकता कि सिर्फ 2 लाख रुपये के लिए इस ट्रांजेक्शन को सेट ऑफ किया जा सके.

शॉर्ट टर्म के लॉस का बड़ा फायदा

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन लॉस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन दोनों के खिलाफ सेट ऑफ किया जा सकता है. हालांकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को सिर्फ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के खिलाफ सेट ऑफ किया जा सकता है. सेट ऑफ का सीधा मतलब है कि यहां कैपिटल गेन के साथ हुई टोटल इनकम को कैपिटल लॉस के साथ एडजस्ट किया जाता है.

किसी भी एसेट क्लास में होगा एडजस्टमेंटं

टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग का फायदा किसी भी एसेट क्लास में किया जा सकता है. मिसाल के तौर पर आपको स्टॉक्स में कैपिटल लॉस हुआ और रियल एस्टेट में प्रॉफिट हुआ, तो आप अपने लॉस को रियल एस्टेट में हुए गेन्स के खिलाफ सेट ऑफ कर सकते हैं. हालांकि, यहां ध्यान इस बात का ध्यान जरूर रखें कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हुए नुकसान सेट ऑफ नहीं होता है .