अगर आपके क्रेडिट कार्ड के साथ हुआ फर्जीवाड़ा, तो ऐसे करें इंतजाम, स्कैमर दोबारा गलती से भी नहीं देखेंगे आपके कार्ड की तरफ

लोकल सर्किल्स के सर्वे से पता चलता है कि पिछले तीन सालों में 47 फीसदी भारतीयों को वित्तीय धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है. स्कैमर्स को आजकल क्रेडिट कार्ड से स्कैम करने का सबसे बेहतर विकल्प नजर आ रहा है.

क्रेडिट कार्ड के साथ हुआ फर्जीवाड़ा, तो ऐसे करें इंतजाम Image Credit: boonchai wedmakawand/Moment/Getty Images

आज टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है, और अब मोबाइल फोन और इंटरनेट की पहुंच गांव-गांव तक हो गई है. लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. एक तरफ जहां टेक्नोलॉजी ने हमारा काम आसान कर दिया है, वहीं दूसरी ओर डिजिटल फ्रॉड की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए हमेशा नए-नए तरीके निकालते रहते हैं. ऐसा ही एक तरीका है क्रेडिट कार्ड फ्रॉड. लोकल सर्किल्स के सर्वे से पता चलता है कि पिछले तीन सालों में 47 फीसदी भारतीयों को वित्तीय धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है.

स्कैमर्स के लिए आजकल क्रेडिट कार्ड से स्कैम करने का विकल्प सबसे बेहतर नजर आ रहा है. यदि आपके क्रेडिट कार्ड से भी किसी ने छेड़छाड़ की है या ऐसा होता है, तो आपको ये कदम उठाने चाहिए.

क्रेडिट कार्ड वाली कंपनी से संपर्क करें

अगर आपके क्रेडिट कार्ड के साथ कभी छेड़छाड़ होती है, तो सबसे पहले अपने क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी से संपर्क करें. ज्यादातर बैंकों के पास चोरी या खोए हुए कार्ड के लिए एक हेल्पलाइन नंबर होता है. जब आप रिपोर्ट करेंगे, तो वे आपके खाते को निलंबित कर देंगे और एक अलग नंबर के साथ नया कार्ड जारी करेंगे. इस कार्रवाई से आगे ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है.

हाल के लेन-देन की समीक्षा करें

क्रेडिट कार्ड कंपनी से बात करते समय, हाल के दिनों में किए गए लेन-देन की ध्यान से समीक्षा करें. ऐसे ट्रांजेक्शन की पहचान करें जिन्हें आप नहीं जानते हों. अक्सर स्कैमर बड़ी खरीदारी करने से पहले छोटी-छोटी खरीदारी करते हैं.

पुलिस रिपोर्ट दर्ज करें

ऐसी स्थिति में आपको पुलिस के साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज कराना मददगार साबित हो सकता है, खासकर जब बड़े अमाउंट की बात हो. पुलिस रिपोर्ट से स्कैमर्स तक पहुंचने में मदद मिल सकती है और इस तरह की कार्रवाई से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है.

पासवर्ड बदलें

हैक किए गए कार्ड का पासवर्ड तुरंत बदल दें और एक मजबूत और यूनिक पासवर्ड सेट करें. कभी भी सिंपल पासवर्ड का इस्तेमाल न करें. जहां भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर लगाएं.