कितना सुरक्षित है आपकी FD, बैंक डूबने पर कितना मिलेगा पैसा?
अक्सर सवाल उठता है कि अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाता है या बंद हो जाता है तो FD अकाउंट कितना सुरक्षित रहेगा। ऐसी स्थिति में, यदि किसी ने FD करवाई है, तो उसके पैसों का क्या होगा? बैंक डूबने पर जमाकर्ताओं को कितना अमाउंट वापस मिलेगा? इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) की हालिया घटनाओं ने इस सवाल को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है.

Fixed Deposit (FD): इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) के शेयर इस हफ्ते काफी चर्चा में रहे. फॉरेक्स डेरिवेटिव लेनदेन से जुड़ी एक त्रुटि के कारण 11 मार्च 2025 को इसके शेयर की कीमत 52 हफ्तों के निचले स्तर पर आ गई. हालांकि, अगले दिन इसमें कुछ रिकवरी देखने को मिली. यह वित्तीय गड़बड़ी आम जमाकर्ताओं को सीधे तौर पर नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन इसकी वजह से बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस एक बार फिर चर्चा में आ गया है. इससे पहले भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई बार संकटग्रस्त बैंकों पर प्रतिबंध लगाए हैं.
DICGC के तहत आपका पैसा कितना सुरक्षित है
DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) भारतीय रिजर्व बैंक की एक सहायक संस्था है. यह किसी बैंक के फेल होने, दिवालिया होने या लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में प्रत्येक जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रुपये की गारंटी देता है.
DICGC किन बैंकों को कवर करता है
RBI के अनुसार, DICGC सभी वाणिज्यिक बैंकों (जैसे SBI, IndusInd, ICICI, और सभी छोटे वित्त बैंक) के साथ-साथ राज्य, केंद्रीय और शहरी सहकारी बैंकों को भी कवर करता है. हालांकि, यह बीमा प्राथमिक सहकारी समितियों पर लागू नहीं होता है.
जमाकर्ता के लिए अधिकतम बीमा सीमा क्या है
DICGC 5 लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें सभी प्रकार के बैंक खाते (बचत, सावधि, चालू और RD खाते) शामिल हैं. उदाहरण के लिए, यदि आपने 4 लाख रुपये की FD करवाई है और उस पर 1.5 लाख रुपये ब्याज कमाया है, तो DICGC केवल 5 लाख रुपये (4 लाख मूलधन + 1 लाख ब्याज) तक ही बीमा प्रदान करेगा.
शेष 50,000 रुपये का ब्याज कवर नहीं होगा. हालांकि, यह सीमा प्रत्येक बैंक के लिए अलग-अलग लागू होती है. इसलिए जोखिम कम करने के लिए अलग-अलग बैंकों में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है.
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क्या डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट बढ़ सकती है
2020 में डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया था. लेकिन न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक संकट के बाद इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की मांग उठ रही है. संसद में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी सवाल किया गया था.
इसके जवाब में उन्होंने कहा,”DICGC अपनी वित्तीय स्थिति और देश की बैंकिंग प्रणाली के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को जमा बीमा सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दे सकता है.” हालांकि, फिलहाल DICGC ने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया है.
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