भारत के इन 3 बैंकों को सरकार भी कभी डूबने नहीं देगी, आज ही खुलवा लें इसमें खाता

यहां जानें भारत के तीन सबसे इंपोर्टेंट बैंक. इनमें एक सरकारी बैंक है औक दो प्राइवेट बैंक हैं. इन्हें आप सबसे सुरक्षित, मजबूत और भरोसेमंद बैंक मान सकते हैं. चेक करें लिस्ट.

RBI के बैन की वजह से ये कंपनियां 21 अक्टूबर के बाद लोन नहीं दे पाएंगी Image Credit: Avishek Das/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

भारत में अब बहुत सारे बैंक हैं, कई लोगों के तो एक से ज्यादा बैंक में खाते होते हैं लेकिन वो बैंक कौन से हैं जो अगर डूबने की कगार पर भी आ जाए तो सरकार उसे बचा लेगी? या वो बैंक कौन से सबसे ज्यादा सुरक्षित, मजबूत और भरोसेमंद हैं. RBI ऐसे बैंकों की लिस्ट जारी करता है. चलिए आपको बताते हैं.

RBI जिन बैंकों की लिस्ट जारी करता है उसे वह टेक्निकल भाषा में DSIB बुलाता है. DSIB मतलब डॉमेस्टिक सिस्टमेटिकली इंपोर्टेंट बैंक. DSIB वो बैंक्स होते हैं जिन्हें सरकार कभी डूबने नहीं देना चाहती. ये बैंक्स इतने जरूरी हैं कि अगर इनकी हालात खराब हो तो समझिए कि भारत की अर्थव्यवस्था में खलबली मच जाएगी.

लेकिन आरबीआई का यही मानना है कि अगर DSIB की लिस्ट में शामिल बैंक में किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो इकॉनमी के स्तर पर पैनिक फैल सकता है.

RBI की लिस्ट में कौन से बैंक है?

आरबीआई ने ऐसे तीन बैंक्स की लिस्ट जारी कर रखी है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और दो प्राइवेट बैंक ICICI बैंक और HDFC बैंक का नाम शामिल है. ये वहीं बैंक्स हैं जिन्हें बचाने के लिए सरकार हमेशा आगे रहेगी.

समय समय पर आरबीआई रिव्यू करता है और इस लिस्ट को अपडेट भी करता है.

बड़े और जरूरी बैंकों की लिस्ट जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी?

इसका जवाब है साल 2008. जब भारत समेत पूरी दुनिया में मंदी आ गई थी. शेयर बाजार तहस नहस हो गए थे, लेकिन इसके साथ ही भारत को एक और झटका लगा था. उस मंदी को हमारे देश के बैंक्स भी नहीं झेल पाए थे. और जब ये वित्तीय संस्थान डूबने लगे, तबाह होने लगे तो भारत का नुकसान दोगुना हो गया. आर्थिक मौर्चे पर सब बिखर गया. तभी सरकार ने तय किया कि ऐसी स्थिति में कुछ चुनिंदा बैंकों को बचाने की जरूरत है ताकि इकॉनमिक क्राइसिस ना पैदा हो.

फिर 2014 में सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की और 2015 से जरूरी बैंकों की लिस्ट जारी करने की शुरुआत हुई. 2015 और 2016 में केवल SBI और ICICI बैंक का ही नाम इस लिस्ट में था फिर 2017 में इसमें HDFC का नाम जोड़ा गया और अब तक यही तीन बैंकों का नाम इसमें शामिल हैं.

ये वो बैंक्स होते हैं जिनकी संपत्ति भारत की जीडीपी के 2% से ज्यादा होती है. इनको भी 5 लेवल या पांच बकेट में कैटेगराइज किया जाता है. पहले बकेट में नाम मतलब कम जरूरी और पांचवें में हो तो बेहद जरूरी है. इन बैंकों को भी कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. ये सारा पैसा लोन देने में या बाकी चाजों के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते.
इन्हें अपने रिस्क वेटेड एसेट्स का एडिशनल कॉमन इक्विटी टीयर 1 मेनटेन करना होता है. अब क्योंकि एसबीआई बकेट 3 में हैं तो उसे 0.60% और ICICI और HDFC बैंक को 0.20% मेनटेन करना होता है जो बकेट 1 में हैं.