आज ही अपने सैलरी स्लिप में शामिल करवाएं ये 7 चीजें, टैक्स में बच जाएंगे पैसे
सैलरी में मिलने वाले विभिन्न अलाउंस और रीइंबर्समेंट का सही उपयोग कर टैक्स बचाया जा सकता है. मेडिकल, फूड, कार मेंटेनेंस, मोबाइल, मैगजीन, HRA और यूनिफॉर्म अलाउंस जैसी सुविधाएं टैक्स फ्री होती हैं. इनका सही इस्तेमाल आपकी टैक्स योग्य आय को कम कर सकता है. कंपनी की पॉलिसी चेक कर इन्हें सैलरी में शामिल करवाएं.
Tax Saving Idea: अपनी सैलरी में मिलने वाले विभिन्न अलाउंस और रीइंबर्समेंट का सही इस्तेमाल करें, तो टैक्स बचाना आसान हो सकता है. नए बजट में 12 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स छूट की घोषणा के बाद, टैक्स फ्री अलाउंस का महत्व बढ़ गया है. कंपनियां अपने कर्मचारियों को कई तरह के भत्ते देती हैं, जिनका सही उपयोग आपकी बचत में मदद कर सकता है. इन सभी अलाउंस को अपनी सैलरी का हिस्सा बनाकर टैक्स बचाया जा सकता है. अगर आपकी कंपनी इनमें से कुछ सुविधाएं नहीं देती, तो HR से चर्चा करें और इन्हें शामिल करवाने की कोशिश करें.
मेडिकल अलाउंस – कुछ कंपनियां कर्मचारियों और उनके परिवार के इलाज का खर्च कवर करने के लिए यह भत्ता देती हैं. अगर यह सुविधा नहीं मिल रही है, तो इसे सैलरी पैकेज में शामिल करने का रिक्वेस्ट करें.
फूड कूपन – कई कंपनियां फूड कूपन या मील वाउचर देती हैं, जिससे खाने-पीने का खर्च कम होता है और टैक्स में राहत मिलती है.
कार मेंटेनेंस अलाउंस – यदि आपकी कंपनी यह सुविधा देती है, तो पेट्रोल, डीजल, सर्विसिंग और ड्राइवर की सैलरी जैसी लागत को कवर कर सकते हैं, जिससे टैक्स बचता है.
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मोबाइल और इंटरनेट अलाउंस – ऑफिस के काम के लिए उपयोग होने वाले मोबाइल और इंटरनेट खर्च का रीइंबर्समेंट टैक्स फ्री सीमा के तहत किया जाता है.
मैगजीन अलाउंस – यदि आपके काम के लिए अखबार, मैगजीन या किताबें पढ़ना जरूरी है, तो यह अलाउंस टैक्स छूट दिलाने में मदद कर सकता है.
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) – किराए के मकान में रहने वाले कर्मचारियों के लिए यह महत्वपूर्ण भत्ता है, जो बेसिक सैलरी के 40-50% तक हो सकता है.
यूनिफॉर्म अलाउंस – कुछ कंपनियां कर्मचारियों को यूनिफॉर्म बनाए रखने के लिए यह अलाउंस देती हैं, जिस पर टैक्स नहीं लगता.
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