Income Tax Act 2025: क्या होती है क्लबिंग ऑफ इनकम, जानें अब फैमिली इनकम पर कैसे लगेगा टैक्स

नए इनकम टैक्स बिल 2025 के तहत क्लबिंग ऑफ इनकम के नियमों में संशोधन किया गया है. यह बदलाव टैक्स बचाने के लिए फैमिली इनकम ट्रांसफर को रोकने के उद्देश्य से किया गया है.हालांकि, बिल में कुछ बातें स्पष्ट नहीं किया गया है.

नए इनकम टैक्स बिल 2025 के तहत क्लबिंग ऑफ इनकम के नियमों में संशोधन किया गया है. Image Credit: money9live

Income Tax Act 2025: इनकम टैक्स बिल 2025 के तहत क्लबिंग ऑफ इनकम नियमों में बदलाव किया गया है. अब व्यक्ति के जीवनसाथी के इनकम को उसके साथ नहीं जोड़ा जाएगा. लेकिन इसके लिए शर्ते भी रखी गई है. जैसे की वह टेक्निकल या प्रोफेशनल नॉलेज से अर्जित की गई इनकम ही होनी चाहिए, और यह दोनों शर्तें साथ में पूरी होनी चाहिए, केवल किसी एक शर्त को पूरा करने से नियम लागू नहीं होगा. इस बदलाव का उद्देश्य टैक्स बचाने के लिए फैमिली निवेशों को ट्रांसफर करने से रोकने का है.

क्लबिंग ऑफ इनकम क्या होती है?

आम तौर पर व्यक्ति पर उसी द्वारा कमाई गई इनकम पर टैक्स लगता है. लेकिन कुछ विशेष मामलों में दूसरे व्यक्ति की इनकम को भी टैक्सपेयर्स की इनकम में जोड़ा (क्लब) जाता है और उसे उस पर भी टैक्स देना पड़ता है. इसे ‘क्लबिंग ऑफ इनकम’ कहा जाता है.

किन मामलों में इनकम क्लब की जाती है?

नाबालिग बच्चे की इनकम को उसके माता-पिता की इनकम में जोड़ दिया जाता है. इसी तरह, यदि पति या पत्नी के नाम पर कोई निवेश किया गया है और उससे कोई कमाई होती है, तो वह मुख्य टैक्सपेयर्स की इनकम में शामिल कर दी जाती है. इसके अलावा, संपत्ति, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, म्यूचुअल फंड और डाकघर बचत जैसी सभी निवेश इनकम को भी क्लब किया जा सकता है.

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न्यू बिल में क्लबिंग नियमों में बदलाव