लग्जरी लाइफस्टाइल का उठा रहे हैं लुत्फ लेकिन बैंक से नहीं खर्च हो रहे पैसे? IT विभाग की रडार पर हैं आप
अगर आपकी आमदनी ज्यादा है लेकिन बैंक से निकासी बेहद कम हो रही है, तो सावधान हो जाइए. इनकम टैक्स विभाग अब उन लोगों पर नजर रख रहा है, जिनके खर्च उनकी बैंक स्टेटमेंट से मेल नहीं खाते. क्या आपका नाम भी इस लिस्ट में हो सकता है? पूरी जानकारी यहां पढ़ें.
Bank withdrawals vs Expenses: अगर आपकी आमदनी ज्यादा है लेकिन बैंक से निकासी कम हो रही है, तो सावधान हो जाइए. इनकम टैक्स (IT) विभाग ने हाई-इनकम इंडिविजुअल्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जिनकी बैंक निकासी उनके खर्चों के मुकाबले बेहद कम नजर आ रही है. कई लोगों को टैक्स नोटिस भेजे जा रहे हैं जिनमें उनके मासिक खर्चों का पूरा ब्योरा मांगा जा रहा है. टैक्स मामलों के जानकार बताते हैं कि कि अगर किसी व्यक्ति की घोषित आय ज्यादा है लेकिन बैंक से कैश निकासी बेहद कम हो रही है तो यह संदेह पैदा करता है कि कहीं वह कैश ट्रांजैक्शन छिपा तो नहीं रहा.
ऐसे मामलों में आयकर विभाग को आशंका होती है कि व्यक्ति नकद लेन-देन कर रहा है तो उसका कोई रिकॉर्ड बैंक स्टेटमेंट में क्यों नहीं दिख रहा. इसके अलावा, टैक्स अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि कहीं डिजिटल पेमेंट्स किसी अज्ञात या अघोषित अकाउंट से तो नहीं किए जा रहे. अब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मुख्य रूप से अघोषित आय और अस्पष्ट खर्चों पर फोकस करता था लेकिन अब एक नया तरीका अपनाया गया है – ऐसे नकद खर्चों की जांच करना, जिनके लिए बैंक से पैसा निकालना का कोई बैलेंस नहीं है.
कैसे खर्च आपको टैक्स नोटिस दिला सकते हैं?
कुछ खर्चे ऐसे हैं, जो संदेह के घेरे में आ सकते हैं और उसके आधार पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है, जैसे:
- कार EMI का भुगतान किया, लेकिन बैंक स्टेटमेंट में फ्यूल और मेंटेनेंस के खर्च नहीं दिखे.
- विदेश यात्रा के टिकट बुक कराए, लेकिन होटल या अन्य खर्चों के लिए पर्याप्त बैंक ट्रांजैक्शन नहीं हुआ.
- बच्चों की विदेशी पढ़ाई की फीस भेजी, लेकिन वहां रहने का खर्च बैंक से नहीं निकला.
- लग्जरी आइटम्स, रियल एस्टेट, हाई-एंड गैजेट्स खरीदे, लेकिन बैंक से निकासी या ऑनलाइन भुगतान का रिकॉर्ड नहीं मिला.
अगर बैंक ट्रांजैक्शन और खर्चों में भारी असमानता दिखती है तो यह इनकम टैक्स अधिकारियों के लिए रेड फ्लैग साबित हो सकता है.
अगर आपको इनकम टैक्स नोटिस मिले तो क्या करें?
अगर आपको ऐसे किसी मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस मिलता है तो घबराने के बजाय तुरंत प्रतिक्रिया दें और पूरी पारदर्शिता के साथ जवाब दें.
- अपने सभी आय और खर्चों का पूरा रिकॉर्ड प्रस्तुत करें.
- जांच अधिकारी (Assessing Officer – AO) द्वारा पूछे गए सवालों का संतोषजनक उत्तर दें.
- अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो आपकी घोषित आय में अतिरिक्त जोड़कर टैक्स वसूला जा सकता है.
ध्यान रहे, अगर खर्चों की संतोषजनक व्याख्या नहीं दी गई तो व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम में बढ़त कर दी जाएगी जिससे ब्याज और पेनल्टी भी लग सकती है.
कैसे बचें टैक्स नोटिस से?
अगर कोई व्यक्ति अपनी अघोषित आय को छिपाने की कोशिश करता है और टैक्स अधिकारियों को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाता, तो भारी पेनल्टी और कानूनी कार्रवाई हो सकती है. छुपाई गई आय पर टैक्स के अलावा 200 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है. जानबूझकर टैक्स चोरी के मामलों में पिछले रिटर्न्स की ऑडिट, संपत्ति जब्ती और यहां तक कि जेल की सजा भी हो सकती है.
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आज के डिजिटल दौर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर वित्तीय गड़बड़ियों की पहचान कर रहा है. टैक्स विशेषज्ञों की सलाह है कि:
- बैंक स्टेटमेंट और खर्चों में तालमेल बनाए रखें.
- बड़े खर्चों का पूरा हिसाब-किताब रखें.
- नकद लेन-देन से बचें और पारदर्शिता बनाए रखें.
- अगर आप अपने बैंक ट्रांजैक्शन और खर्चों को सही से डिक्लेयर करते हैं, तो किसी भी टैक्स नोटिस का सामना करने की संभावना कम हो जाएगी.