मोबाइल से ही हो जाएगा इनकम टैक्स पेमेंट, आ गया e-Pay Tax; लॉग इन का झंझट खत्म
Income Tax विभाग ने 'e-Pay Tax' नाम की सुविधा शुरू की है, जिससे ऑनलाइन टैक्स भरना आसान हो गया है. यह सुविधा बिना लॉगिन के टैक्स भरने की अनुमति देती है. लेकिन कैसे, यहां स्टेप बाय स्टेप बताया गया है...
Income Tax e-pay Tax Feature: इनकम टैक्स विभाग ने मंगलवार, 22 अप्रैल को बताया कि उन्होंने अपने आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल पर ‘e-Pay Tax’ नाम की एक सुविधा शुरू की है, जिससे टैक्स भरना अब और आसान हो गया है. विभाग ने कहा कि यह एक सरल, सुविधाजनक और बिना झंझट वाली प्रक्रिया है जिससे टैक्स भरा जा सकता है. चलिए समझते हैं ये क्या है? कैसे मिलेगा फायदा? इसका इस्तेमाल कैसे होगा और कौन-कौन कर सकता है इस्तेमाल?
e-Pay Tax क्या है?
e-Pay Tax एक डिजिटल पेमेंट फीचर है जिससे आप ऑनलाइन टैक्स भर सकते हैं और इसके लिए ना तो लॉगिन करने की जरूरत है और ना ही बैंक जाने की. यह पूरी प्रक्रिया को आसान और तेज बनाता है.
क्या हैं इसके फायदे?
- बैंक की लंबी कतारों से बचेंगे, समय और मेहनत दोनों की बचत होगी
- टैक्स विभाग के रिकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाएंगे
- टैक्स भरते ही तुरंत चालान जनरेट हो जाता है
- टैक्स भरने की प्रक्रिया में रुकावटें नहीं आती, जिससे लोग समय पर टैक्स भरने के लिए प्रेरित होते हैं
कैसे करें इस्तेमाल?
- पोर्टल पर जाएं: इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट खोलें और ‘Quick Links’ सेक्शन में जाकर ‘e-Pay Tax’ पर क्लिक करें.
- पैन और मोबाइल नंबर डालें: अपना पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) और आधार से लिंक मोबाइल नंबर डालें.
- OTP से वेरिफाई करें: मोबाइल पर आए 6 अंकों का OTP डालकर अपनी पहचान वेरिफाय करें.
- पेमेंट का टाइप चुनें: तय करें कि आप कौन सा टैक्स भरना चाहते हैं – रेगुलर इनकम टैक्स, एडवांस टैक्स या सेल्फ-असेसमेंट टैक्स.
- टैक्स डिटेल्स डालें: हर टैक्स हेड के तहत कितना टैक्स भरना है, ये भरें.
- पेमेंट का तरीका चुनें: नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, UPI या NEFT/RTGS में से कोई भी ऑप्शन चुन सकते हैं.
- जानकारी की पुष्टि करें: चालान की डिटेल्स एक बार चेक कर लें और पेमेंट कन्फर्म कर दें.
यह भी पढ़ें: FY 2024-25 Income Tax Return Filing: Old vs New टैक्स व्यवस्था, कौन सी अधिक कर बचाती है?
कौन इस्तेमाल कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति जिसके पास PAN है, इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकता है. आपके पास ऐसा बैंक अकाउंट होना चाहिए जिसमें टैक्स पेमेंट प्रोसेस करने की अनुमति और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा हो. यह सुविधा उन कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स (जिनमें कंपनियां शामिल नहीं हैं) के लिए भी लागू है जो इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 44AB के तहत आते हैं.