इस बार Income Tax में बड़ी छूट चाहते हैं टैक्सपेयर्स, जानें अभी कहां और कितना देना पड़ता है इनकम टैक्स

AY 2024-25 के लिए 31 जुलाई 2024 तक 7.28 करोड़ से अधिक ITR फाइल किए गए, जो कि AY 2023-24 के 6.77 करोड़ ITR की तुलना में 7.5% अधिक है. हालांकि इनमें से अधिकतर की जीरो लाइबिलिटी होती है यानी असल में 1-2 फीसदी लोग ही टैक्स भरते हैं.

नया टैक्स और पुराना टैक्स सिस्टम क्या है? Image Credit: Freepik

Income Tax in India: इनकम टैक्स एक डायरेक्ट टैक्स है, यानी इसे सीधे व्यक्ति की आय या संपत्ति पर लगाया जाता है. जो व्यक्ति टैक्स सरकार को देता है, वह इसे किसी और पर ट्रांसफर नहीं कर सकता, यानी टैक्स का बोझ खुद उसी को उठाना पड़ता है. भारत में इस समय दो तरह के टैक्स सिस्टम है. नया और पुराना. लेकिन पहले ये जाने कि भारत में कितने लोग टैक्स फाइल करते हैं.

AY 2024-25 के लिए 31 जुलाई 2024 तक 7.28 करोड़ से अधिक ITR फाइल किए गए, जो कि AY 2023-24 के 6.77 करोड़ ITR की तुलना में 7.5% अधिक है. हालांकि इनमें से अधिकतर की जीरो लाइबिलिटी होती है यानी असल में 1-2 फीसदी लोग ही टैक्स भरते हैं.

अधिकतर ने नए टैक्स सिस्टम को चुना है. 7.28 करोड़ कुल फाइल किए गए ITR में से 5.27 करोड़ नए टैक्स सिस्टम के तहत फाइल किए गए हैं, जबकि 2.01 करोड़ ITR पुराने टैक्स सिस्टम में फाइल हुए हैं. इसका मतलब है कि लगभग 72% टैक्सपेयर्स ने नए टैक्स सिस्टम को अपनाया है, जबकि 28% अभी भी पुराने टैक्स सिस्टम में बने हुए हैं.

नया टैक्स सिस्टम

New Tax Regime

Income Tax SlabIncome Tax Rate
0-3 लाख रुपएNil
3-7 लाख रुपए5%
7-10 लाख रुपए10%
10-12 लाख रुपए15%
12-15 लाख रुपए20%
15 लाख से ज्यादा पर30%

अगर कोई व्यक्ति 22 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई जमीन या बिल्डिंग को 23 जुलाई 2024 के बाद बेचता है, तो उसके पास LTCG कैलकुलेशन के दो ऑप्शन होंगे:

  1. बिना इंडेक्सेशन के LTCG का कैलकुलेशन होगा और 12.5% टैक्स चुकाना होगा.
  2. इंडेक्सेशन के साथ LTCG की कैलकुलेशन होगा और 20% टैक्स चुकाना होगा

पुराना इनकम टैक्स सिस्टम

पुराने टैक्स सिस्टम में तीन टैक्स स्लैब हैं: 5%, 20%, और 30%

Old Tax Regime

Income Tax SlabIncome Tax Rate
0-2.5 लाख रुपए तकNil
2.5- 5 लाख रुपए तक5%
5-10 लाख रुपए तक20%
10 लाख से ऊपर30%

पुराने टैक्स सिस्टम में इन डिडक्शंस का फायदा मिलता है:

इसके अलावा सेक्शन 80D के तहत प्रिवेंटिंव हेल्थ चेकअप्स पर किए गए पेमेंट के लिए ₹5,000 तक की छूट मिलती है. यह छूट ₹25,000/₹50,000 की कुल सीमा के अंदर ही होगी, जो आपकी स्थिति पर निर्भर करती है. यह छूट व्यक्ति खुद के लिए, अपने जीवनसाथी, डिपेंडेंट बच्चों या माता-पिता के लिए क्लेम कर सकता है. स्वास्थ्य जांच के लिए किया गया पेमेंट नकद में भी स्वीकार्य है.

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना क्यों जरूरी है?

आजकल सभी टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइलिंग जरूरी कर दी गई है, कुछ गिने-चुने मामलों को छोड़कर हर टैक्सपेयर को आईटीआर फाइल करना होता है. अगर आप समय पर ITR फाइल नहीं करते:

ITR फाइल करने के बाद क्या करना होगा?

जब आप ITR ऑनलाइन फाइल कर देते हैं, तो आपको ई-वेरिफिकेशन करना होगा. अगर आप ई-वेरिफिकेशन नहीं कर पाते, तो आपको ITR-V फॉर्म का प्रिंट लेकर CPC, बेंगलुरु भेजना होगा, जिससे आपका रिटर्न प्रोसेस हो सके.

ITR फॉर्म्स की लिस्ट – कौन सा फॉर्म किसके लिए?

अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि कौन सा फॉर्म चुनना है, तो यह लिस्ट देखें:

ITR-1: रेसिडेंट, जिनकी इनकम सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, बैंक इंटरेस्ट से होती है, कृषि आय ₹5,000 से कम होनी चाहिए और कुल आय ₹50 लाख से ज्यादा न हो.

ITR-2: वे व्यक्ति या HUF जिनका कोई बिजनेस या प्रोफेशन नहीं है, और जिनके पास एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी हो.

ITR-3: वे व्यक्ति या HUF जिनकी प्रोप्राइटरशिप बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम हो, या फिर वे किसी फर्म में पार्टनर हों.

ITR-4: वे व्यक्ति या HUF जो प्रेजम्प्टिव इनकम स्कीम के तहत अपना बिजनेस या प्रोफेशन चलाते हैं, और जिनके पास एक हाउस प्रॉपर्टी हो.

ITR-5: सिर्फ पार्टनरशिप फर्म्स और LLPs के लिए

ITR-6: कंपनियों के लिए

ITR-7: ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थानों के लिए

ITR फाइल करने के लिए कौन से दस्तावेज लगते हैं?