अगर आपकी जमीन से निकला तेल, तो जानें कितने लाख सालाना देगी सरकार
भारत में किसी जमीन पर तेल या नेचुरल गैस का भंडार मिलने पर वह सरकार का माना जाता है. जमीन का अधिग्रहण कर मालिक को मुआवजा दिया जाता है. शहरी क्षेत्रों में ₹12 लाख प्रति बीघा और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹10 लाख प्रति बीघा मुआवजा मिलता है. यदि असंतोष हो, तो कानूनी अपील का अधिकार भी है.

Natural Gas Land Acquisition And Compensation Process: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हाल ही में ONGC को तेल के भंडार मिले हैं. इसके बाद ONGC ने उस क्षेत्र को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है. इस जांच क्षेत्र में स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडे के परिवार की जमीन भी शामिल है. कंपनी ने परिवार को अच्छा मुआवजा देने की घोषणा की है. गंगा के मैदानी क्षेत्रों में पहले सिर्फ हाइवे निर्माण के लिए मुआवजा मिलता था, लेकिन अब नेचुरल गैस के भंडार मिलने और मुआवजे की खबर से लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है. आइए जानते हैं इससे जुड़े कानून और मुआवजा प्रक्रिया के बारे में.
क्या कहता है कानून?
भारतीय कानून के अनुसार, किसी भी जमीन पर तेल या नेचुरल गैस का भंडार मिलने पर वह सरकार का माना जाएगा. सरकार उस जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. कोई भी व्यक्ति या संस्था इन नेचुरल संसाधनों पर व्यक्तिगत दावा नहीं कर सकता है.
तेल और गैस के भंडार को कंट्रोल करने वाले कानून
- द ऑयलफील्ड्स (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 1948: यह कानून केंद्र सरकार को तेल और गैस के क्षेत्र में नियंत्रण का अधिकार देता है.
- पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रूल्स, 1959: यह नियम तेल और गैस की खोज और खनन के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हैं.
- अनुच्छेद 297, भारतीय संविधान: भारत की समुद्री सीमा, महाद्वीपीय तट और विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूद सभी तेल और गैस संसाधन केंद्र सरकार के अधीन होते हैं.
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क्या है मुआवजे की प्रक्रिया
अगर किसी की निजी जमीन पर तेल या गैस का भंडार मिलता है, तो सरकार जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति या संस्था को मुआवजा दिया जाता है. मुआवजे की राशि राज्य और क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. उदाहरण के लिए असम में शहरी क्षेत्र 10 किमी के दायरे में यह सालाना 12 लाख रुपये प्रति बीघा है और ग्रामीण क्षेत्र में सालाना 10 लाख रुपये प्रति बीघा है. इसी तरह अलग अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकता है.
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया
सरकार जब किसी जमीन पर तेल या नेचुरल गैस का भंडार पाती है, तो सबसे पहले अधिग्रहण की सूचना जारी करती है. इसके बाद जमीन का मूल्यांकन कर उसकी बाजार कीमत के आधार पर मुआवजा तय किया जाता है. जमीन मालिक को निर्धारित मुआवजा दिया जाता है. यदि जमीन मालिक मुआवजे से संतुष्ट नहीं होता है, तो उसके पास न्यायालय में अपील करने का अधिकार होता है.
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