2024 में कहां बना सबसे ज्यादा पैसा, गोल्ड vs Stock vs रियल एस्टेट में जानें कौन बेस्ट !
निवेश में विविधता जोखिम को कम करने और स्थिर रिटर्न पाने का स्मार्ट तरीका है. सही एसेट अलोकेशन आपके लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है, जिससे शॉर्ट-टर्म और लांग-टर्म दोनों लक्ष्य के लिए बेहतर परिणाम मिल सकते हैं.
2024 में भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे साल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला एसेट क्लास रहा है. अगर आपने इस साल की शुरुआत में Nifty 500 Index में ₹1 लाख निवेश किया होता, तो अब वह ₹1,21,300 बन चुका होता. वही अगर आप ₹1 लाख का निवेश सोने में करते तो वह ₹1,20,700 बन गया होता. आइए जानते हैं कि इस साल अलग-अलग एसेट क्लास ने कितना रिटर्न दिया है.
2024 में अलग-अलग एसेट क्लास का प्रदर्शन:
शेयर बाजार (Nifty 500 TRI): सबसे अच्छा प्रदर्शन, ₹1 लाख बढ़कर ₹1,21,300 हुआ.
सोना: ₹1 लाख बढ़कर ₹1,20,700 हुआ, दूसरे नंबर पर.
बॉन्ड्स (Crisil Composite Bond Index): ₹1 लाख बढ़कर ₹1,08,800 हुआ.
रियल एस्टेट (RBI HPI): ₹1 लाख बढ़कर ₹1,02,700 हुआ.
शेयर बाजार का अच्छा प्रदर्शन
मनी कंट्रोल का एनालिसिस को देखें तो पता चलता है कि पिछले दो सालों से शेयर बाजार सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन पिछले 10 सालों के आंकड़े बताते हैं कि शेयर बाजार पांच बार सबसे अच्छा प्रदर्शन कर चुका है, जबकि सोना चार बार सबसे ऊपर रहा. रियल एस्टेट और बॉन्ड्स ने केवल एक बार अच्छा प्रदर्शन किया.
अलग-अलग जगह निवेश करना सही
आंकड़ों से यह पता चलता है कि अलग-अलग एसेट्स में निवेश करना कम जोखिम भरा और रिटर्न को बैलेंस करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. पिछले कुछ सालों में जैसे 2015, 2016, और 2018 में जब शेयरों का प्रदर्शन कमजोर था, तब सोने और बॉन्ड्स ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
आपके लिए कौन सा एसेट अलोकेशन सही है?
सही निवेश रणनीति बनाने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि आपका लक्ष्य क्या है. क्या आप रिटायरमेंट के लिए पैसे बचा रहे हैं, घर खरीदने के लिए या बच्चों की शिक्षा के लिए? अपने लक्ष्य और जोखिम के हिसाब से आप अपनी निवेश योजना बना सकते हैं
अगर आपका लक्ष्य शॉर्ट-टर्म है, तो कम जोखिम वाले निवेश जैसे बॉन्ड और सोने को अधिक शामिल करना बेहतर रहेगा, ताकि बाजार में उतार-चढ़ाव से बचा जा सके. वहीं, लांग-टर्म गोल्स के लिए शेयरों में निवेश ज्यादा रिटर्न दे सकता है, लेकिन सोने और बॉन्ड्स के साथ- साथ दूसरे जगह पर निवेश करने से जोखिम कम हो जाता है.