L&T चेयरमैन पुरुषों से चाहते हैं 90 घंटे काम, महिलाओं को दे दिया 1 दिन का एक्स्ट्रा आराम

90 घंटे काम के बयान के बाद, लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यन ने अपने कंपनी में महिला वर्करों को लेकर एक बड़ी घोषणा की है. दरअसल अब कंपनी अपनी महिला कर्मचारी को पीरियड्स के दौरान एक दिन का पेड लीव देगी.

एलएंडटी की महिला कर्मचारियों को मिलेगा मासिक धर्म अवकाश Image Credit: FREEPIK

Larsen & Toubro Period Leave to Women Workers: इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने अपनी महिला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी घोषणा की है. दरअसल कंपनी महिला वर्करों को मासिक धर्म (Period) के दौरान एक दिन का पेड लीव देगी. कंपनी के इस फैसले से करीब 5,000 महिला वर्कर्स को फायदा होगा.

कब लागू होगा नया नियम?

L&T के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एस एन सुब्रमण्यन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कंपनी के एक कार्यक्रम में इस कदम की घोषणा करेंगे. कंपनी की तरफ से बताया गया है कि यह नियम जल्द लागू होगा और इसकी प्रक्रिया पर काम चल रहा है. हालांकि, यह सुविधा केवल L&T की मूल कंपनी की महिला कर्मचारियों को मिलेगी, जबकि इसकी फाइनेंशियल सर्विस और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर यह नियम लागू नहीं होगा.

भारत में पहले भी हुए हैं ऐसे फैसले

इससे पहले स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियां भी महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव देने का फैसला कर चुकी हैं. हालांकि, बड़े इंडस्ट्रियल ग्रुप में एलएंडटी पहली कंपनी है जिसने ऐसा कदम उठाया है. कुछ राज्य सरकारें भी पहले से इस दिशा में आगे बढ़ चुकी हैं. बिहार, ओडिशा, सिक्किम और केरल में सरकारी महिला कर्मचारियों को पहले से ही पीरियड लीव मिलती है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सरकार को इस पर नीति बनाने का सुझाव दे चुका है.

सुब्रमण्यन के पुराने बयान पर हुआ था विवाद

दरअसल इस घोषणा से पहले एस. एन. सुब्रमण्यन अपने एक बयान को लेकर विवादों में थे. उन्होंने कहा था कि लोगों को 90 घंटे काम करना चाहिए और पत्नियों को घूरने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. इस पर काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद कंपनी ने सफाई दी कि उनका बयान राष्ट्र निर्माण की भावना से जुड़ा था.

महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा कदम

एलएंडटी का यह फैसला वर्कप्लेस पर महिला स्वास्थ्य और अधिकारों को ध्यान में रखने की दिशा में एक अहम कदम है. इससे दूसरी कंपनियों पर भी दबाव बढ़ सकता है कि वे भी अपनी महिला कर्मचारियों को ऐसी सुविधा दें.

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