Mutual Fund से लेकर इनकम टैक्स, UPI और क्रेडिट कार्ड तक, 1 अप्रैल से बदल जाएंगे ये सभी नियम
नए वित्त वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से होगी, जिसमें म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई ट्रांजैक्शन, और इनकम टैक्स में कई जरूरी बदलाव होंगे. सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने न्यू फंड ऑफर (NFO) के निवेश के लिए समय सीमा तय की है, जबकि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू की है. इसके अलावा, यूपीआई ट्रांजैक्शन के लिए मोबाइल नंबर डेटाबेस अपडेट करने की आवश्यकता होगी और क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड पॉइंट्स में भी बदलाव होंगे.
New Rules with New Financial Year: नए वित्त वर्ष के साथ देश में बहुत कुछ नया हो जाता है. उसी तर्ज पर नया वित्त वर्ष यानी 2025-26 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो जाएगी. इसी के साथ म्यूचुअल फंड से लेकर क्रेडिट कार्ड, यूपीआई ट्रांजैक्शन, इनकम टैक्स में कई नियामक बदलाव होने वाले हैं. ये सभी बदलावों का प्रभाव हम सभी के जीवन पर समान पड़ने वाला है, इसलिए 1 अप्रैल से होने वाले सभी बड़े बदलावों की सूची हम लेकर आए हैं. इन तमाम सुधारों का मुख्य उद्देश्य ट्रांसपेरेंसी, निवेशकों की सुरक्षा में बेहतर करना होता है. आइए जानते हैं.
Mutual Fund
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने अनिवार्य किया है कि न्यू फंड ऑफर (NFO) के जरिये जुटाई गई राशि को यूनिट आवंटन की तारीख से 30 कारोबारी दिनों के भीतर निवेश किया जाना चाहिए. अगर AMC इस समय सीमा को पूरा नहीं कर पाता है तब निवेश समिति की मंजूरी के साथ दूसरे 30 कारोबारी दिनों का एकमुश्त विस्तार मांग सकते हैं.
इसी के साथ सेबी ने स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (SIFs) कैटेगरी को भी पेश किया है. यह कैटेगरी म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के बीच का है. यह फंड फ्लेक्सिबल इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी ऑफर करता है लेकिन इसके लिए कम से कम 10 लाख रुपये का निवेश जरूरी है.
Unified Pension Scheme (UPS)
1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू की जाएगी. यह योजना सेवा अवधि के आधार पर पेंशन की गारंटी देती है. इसके तहत कम से कम 25 साल की सर्विस वाले कर्मचारियों को उनके पिछले 12 महीने के औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा.
UPI और मोबाइल नंबर
यूपीआई को मैनेज करने वाली कंपनी नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अनिवार्य किया है कि बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) 31 मार्च से पहले अपने डेटाबेस को अपडेट कर लें जिससे रिसाइकिल किए गए मोबाइल नंबर को हटाया जा सके.
क्रेडिट कार्ड के बेनिफिट्स में बदलाव
1 अप्रैल से कई बैंकों ने क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले रिवार्ड पॉइंट्स को लेकर काफी कुछ बदला है. इसमें SBI, IDFC First Bank, Axis Bank जैसे बैंक शामिल हैं. एसबीआई ने SimplyCLICK SBI कार्ड होल्डर से स्विगी पर करने वाले ट्रांजेक्शन पर मिलने वाले रिवार्ड पॉइंट्स को 10x से घटाकर 5x कर दिया है. इसी तरह आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अपने माइलस्टोन क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड के बेनिफिट्स को बंद कर दिया है.
इनकम टैक्स में बदलाव
टैक्स छूट स्लैब को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये किया जाएगा जिससे मिडिल क्लास के टैक्सपेयर को फायदा हो. बदले गए इनकम टैक्स के नए स्लैब के हिसाब से-
- 4 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं
- 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी टैक्स
- 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी टैक्स
- 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी टैक्स
- 16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी टैक्स
- 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये की आय पर 25 फीसदी टैक्स
- 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा.