New Income tax bill: टैक्स ईयर, टीडीएस सहित नए विधेयक की 10 प्रमुख बातें, हर सवाल का जवाब
New Income Tax Act 2025 मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा. इस नए कानून का टैक्स स्लैब, टैक्स रेट और मौजूदा टैक्स नियमों पर क्या असर होगा, इसे लेकर कई भ्रम और चिंताएं हैं. यहां इस बिल से जुड़ी 10 प्रमुख बातें बताई गई हैं, जिनसे ज्यादातर सवालों के जवाब मिल जाएंगे.

इसमें धारा 80C को क्लॉज 123 के तहत शामिल किया गया है.
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New Income Tax Bill, 2025 को सरकार मौजूदा Income Tax Act 1961 का आसान वर्जन बता रही है. वित्त मंत्री सहित कई अधिकारी बता चुके हैं कि इस नए विधेयक के जरिये मौजूदा कानून का सरलीकरण किया जाएगा. हालांकि, करदाताओं को इस बात की चिंता हो रही है कि क्या नए विधेयक में ऐसे कोई प्रावधान हैं, जिनकी वजह से टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हो या ऐसे बदलाव हों, जिनका असर उनकी जेब पर पड़े. मीडिया में चल रही तमाम रिपोर्ट्स के आधार यहां उन 10 प्रमुख तथ्यों को रखा गया है, जिनसे बिल से जुड़े ज्यादातर सवालों का जवाब मिलता है.
- न्यू इनकम टैक्स बिल संसद में कब पेश होगा
केंद्र सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक New Income Tax Bill, 2025 को संसद में गुरुवार 13 फरवरी, 2025 को पेश किया जाएगा. - मौजूदा कानून और मसौदे क्या अंतर है
मीडिया रिपोर्ट में सामने आई जानकारियों के मुताबिक नए विधेयक के मसौदे में 666 पन्ने हैं. मौजूदा कानून की तुलना में यह ज्यादा सरल होगा. इसके साथ ही परिभाषाओं और नियमों को भी आसान व संगत बनाया जाएगा. - क्यों किया जा रहा यह बदलाव
सरकार का दावा है कि नए विधेयक के कानून बनने से करदाताओं को इनकम टैक्स फाइलिंग में आसानी होगी विवाद कम होंगे और विवादों का निपटारा तेजी से होगा. इसके अलावा डिजिटल टेक्नोलॉजी से टैक्स प्रक्रिया स्मार्ट बनेगी. - क्या है टैक्स ईयर का कंसेप्ट
नए कानून में टैक्स ईयर की नई अवधारणा पेश की गई है. यह अवधारणा करदाताओं को टैक्स असेसमेंट ईयर और पिछले वर्ष की मौजूदा शर्तों की वजह से होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए पेश की गई है. कई बार करदाता कर जमा करते समय और कर रिटर्न दाखिल करते समय कर असेसमेंट ईयर की जगह फाइनेंशियल ईयर से भ्रमित हो जाते हैं. लिहाजा, अब सिंगल टैक्स ईयर की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है. इससे करदाताओं को यह जानने में मदद मिलेगी कि वे किस वर्ष के लिए ITR दाखिल कर रहे हैं. - क्या वित्तीय वर्ष में होगा बदलाव
नए विधेयक में वित्तीय वर्ष की अवधारणा में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च तक की अवधि को माना जाता है. वित्तीय वर्ष की आगे भी यही परिभाषा मान्य रहेगी. नए आयकर विधेयक में कैलेंडर वर्ष को एक टैक्स ईयर माना जाएगा. - क्या धाराओं में बदलाव होगा
नए आयकर विधेयक में कई धाराओं में बदलाव की संभावना है. मिसाल के तौर पर मौजूदा कानून में आयकर रिटर्न दाखिल करना धारा 139 के अंतर्गत आता है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नए विधेयक में यह धारा 115BAC के तहत आएगा. इसके अलावा नए विधेयक में धाराओं की संख्या में बड़ा बदलाव होने की संभावना है. - क्या रेजिडेंसी नियम बदलेंगे
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि नए नए आयकर विधेयक में रेजिडेंसी नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान आयकर कानून में तीन रेजिडेंसी कैटेगरी हैं, इनमें सामान्य रूप से निवासी व्यक्ति, गैर-सामान्य रूप से निवासी व्यक्ति, गैर-निवासी व्यक्ति शामिल हैं, जो नए विधेयक में भी बनी रहेंगी. - कितने अध्याय और धाराएं होंगी
मौजूदा आयकर कानून को सरल बनाने के लिए नए विधेयक में सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि इसे 23 अध्याय होंगे, जिनमें 536 धाराएं और 16 अनुसूचियां होंगी. जबकि, मौजूदा आयकर अधिनियम में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां हैं.
- क्या टीडीएस कंप्लायंस होगा आसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए विधेयक में टीडीएस से जुड़ी सभी धाराओं को समझने में आसानी के लिए सिंपल टेबल के साथ एक ही सेक्शनल में लाया गया है, हालांकि इसका मतलब यह होगा कि इस विधेयक के कार्यान्वयन के बाद, रिपोर्टिंग उद्देश्यों के लिए फॉर्म और उपयोगिताओं में बदलाव हो सकते हैं. - क्या ITR फाइलिंग की डेडलाइन बदलेगी
आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा, आयकर स्लैब और कैपिटल गेन से जुड़े नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा. ये सभी बजट 2025 में की गई घोषणाओं के मुताबिक जारी रहेंगे. नए विधेयक के कानून के तौर पर लागू होने को लेकर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है. हालांकि, माना जा रहा है कि इसे वित्त वर्ष 2026-27 से लागू किया जा सकता है.
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