खुल गया No Cost EMI का काला चिट्ठा, सामान खरीदने पर वसूल लिए जाते हैं आपसे ये हिडन फीस

No Cost EMI योजनाएं ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए 0% ब्याज का दावा करती हैं, लेकिन इनमें छिपे हुए चार्जेस हो सकते हैं. RBI पहले ही इसे 2013 और 2022 में गलत बता चुका है. हालांकि, ग्राहक फिर इस योजना को अपना सकते हैं लेकिन उन्हें पहले इसके सारे दांव पेंच समझ लेने चाहिए.

क्या No cost EMI कोई स्कैम है? Image Credit: Freepik/Canva

No cost EMI: आजकल आए दिन कहीं न कहीं कोई सेल वगैरह चलती रहती है, फिर वो अमेजॉन की हो, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा या किसी अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की हो. और इन्हीं के साथ कई फाइनेंस स्कीम्स भी बड़े-बड़े फॉन्ट में लिखी होती है. जैसे ‘नो कॉस्ट ईएमआईट – No Cost EMI या फिर BNPL (Buy Now Pay Later). हालांकि, ये स्कीम्स ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए 0% ब्याज का दावा करती हैं, लेकिन क्या इसमें वाकई में बहुत फायदा होता है? क्या इसमें भी कोई ऐसे चार्जेज होते हैं जो छिपे रहते हैं.

नो कॉस्ट EMI पर RBI की चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2013 में जीरो परसेंट EMI स्कीम्स या नो कॉस्ट ईएमआई को लेकर चेतावनी दी थी. RBI के कहना था के इससे किसी भी चीज की कीमत को लेकर गड़बड़ी की आशंका हो सकती है.

नो कॉस्ट EMI क्या है?

नो कॉस्ट EMI, जिसे जीरो कॉस्ट EMI या इंटरेस्ट-फ्री EMI भी कहा जाता है. यह एक ऐसी फाइनेंसिंग स्कीम है जिसमें ग्राहक किसी प्रोडक्ट की कीमत को बिना अतिरिक्त ब्याज चुकाए EMI में बदल सकते हैं. यह सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के स्टोर्स में उपलब्ध होती है.

अक्टूबर 2023 में अमेजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल के दौरान, हर चार में से एक खरीदारी EMI पर हुई, और तीन में से चार प्रोडक्ट नो कॉस्ट EMI पर बेचे गए. हालांकि, इन स्कीम्स में प्रोसेसिंग फीस और अन्य छिपे हुए चार्जेस हो सकते हैं, जिससे यह उतनी सस्ती नहीं होती जितनी दिखती है.

नो कॉस्ट EMI की असली कीमत कैसे तय होती है?

नो कॉस्ट EMI स्कीम में 0% ब्याज का दावा किया जाता है, लेकिन इसमें प्रोसेसिंग फीस जैसी छिपी हुई लागतें शामिल होती हैं. 2013 में, RBI ने इस तरह की स्कीम्स को गलत बताया था, क्योंकि इनमें वास्तविक ब्याज दरों को छुपाया जाता है.

इसका मतलब यह हुआ कि नो कॉस्ट EMI वास्तव में “नो कॉस्ट” नहीं है, बल्कि इसकी लागत पहले से ही प्रोडक्ट की कीमत में जोड़ी जा चुकी होती है.

RBI ने क्या कहा है?

RBI ने अप्रैल 2022 में बैंकों और लेंडर्स को EMI योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने का निर्देश दिया था:

NBFCs और बैंकों को नो कॉस्ट EMI से कैसे फायदा होता है?