No GST: लोन भुगतान में चूक के जुर्माने पर नहीं लगेगा जीएसटी, वित्त मंत्रालय ने जारी किया आदेश

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जीएसटी को लेकर अहम आदेश जारी किया. इस आदेश में बैंक और NBFC को निर्देश दिया गया है कि लोन भुगतान में चूक पर जो जुर्माना लगता है, उसके ऊपर जीएसजी नहीं वसूला जाएगा.

जीएसटी फाइलिंग Image Credit: Constantine Johnny/Moment/Getty Images

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लेकर एक आदेश जारी किया. इसमें कहा गया है कि लोन भुगतान की शर्तों को पूरा नहीं करने पर ग्राहक पर लगाए जाने वाले जुर्माने पर जीएसटी नहीं वसूला जाएगा. मंगलवार रात वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (CBIC) ने मंत्रालय के इस फैसले के संबंध में सर्कुलर जारी किया.

CBIC की तरफ से जारी सर्कुलर में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पेमेंट एग्रीगेटर सुविधा देने वालों को भी राहत दी गई है. इस सर्कुलर में साफ किया गया है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भुगतान एग्रीगेटर्स की तरफ से गए 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. इसके साथ ही कहा गया है कि बैंकों और एनबीएफसी की तरफ से पीनल चार्जेज पर RBI के नियमों के मुताबिक जीएसटी नहीं लगाया जा सकता.

CBIC ने अपने सर्कुलर में कहा है कि 55वीं जीएसटी परिषद की सिफारिशों के मुताबिक यह स्पष्ट किया जाता है कि कर्ज लेने वाले की तरफ से कर्ज चुकाने की शर्तों और नियमों के अनुपालन में चूक होने पर बैंक या एनबीएफसी की तरफ से जीएसटी नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि इस तरह के मामले में RBI के नियमों के मुताबिक किसी भी दंडात्मक शुल्क जीएसटी देय नहीं है.

अनुचित वित्तीय बोझ से बचेंगे कर्जदार

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन का इस बदलाव पर कहना है कि यह स्पष्टीकरण बेहद अहम है, क्योंकि कई बार फील्ड लेवल पर इससे जुड़े विवाद खड़े हो जाते हैं. अब इन विवादों का निपटारा आसान हो जाएगा. जीएसटी परिषद ने ऐसे शुल्कों पर कर नहीं वसूले जाने की व्यवस्था को स्पष्ट कर दिया है. दंडात्मक शुल्कों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने से आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन तय होता है. इससे बैंक और एनबीएफसी को स्पष्टता मिल गई है. इसके अलावा कर्ज लेने वालों पर अनुचित वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा.

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