NPS vs UPS vs OPS: कौन सा बेहतर? जानें कहां मिलता है ज्यादा पैसा
वर्तमान में सरकार तीन प्रमुख पेंशन योजनाएं चला रही है. ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS). OPS और UPS में गारंटीड पेंशन मिलती है, जबकि NPS पूरी तरह बाजार पर निर्भर है. यदि किसी कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी 90,000 रुपये हो, तो OPS और UPS में 68,850 रुपये पेंशन मिलेगी, जबकि NPS में पेंशन बाजार के रिटर्न पर निर्भर करेगी.
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NPS vs UPS vs OPS: वर्तमान में सरकार तीन प्रमुख पेंशन योजनाएं चला रही है, जिसमें ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शामिल हैं. कर्मचारी अपनी जरूरतों के अनुसार NPS और UPS में से किसी एक को चुन सकते हैं. इनमें कुछ समानताएं हैं, लेकिन अंतर अधिक हैं, इसलिए कर्मचारियों के लिए इनके बीच का फर्क समझना जरूरी है. आइए जानते हैं कि इन तीनों योजनाओं में किससे अधिक पैसा मिलता है और इनका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है.
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) क्या है?
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) आजादी के बाद लागू हुई थी और 2004 से पहले सभी सरकारी कर्मचारियों को इसी के तहत पेंशन मिलती थी. इस योजना के तहत पेंशन की कैलकुलेश अंतिम 10 महीनों की औसत बेसिक सैलरी के 50 फीसदी के आधार पर की जाती है, जिसमें महंगाई राहत (DA) भी जोड़ी जाती है. उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी 90,000 रुपये रही हो और उसने 27 साल की सेवा पूरी की हो, तो उसे 68,850 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) सरकार द्वारा 2024 में शुरू की गई एक नई पेंशन योजना है. यह योजना सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन, फैमिली पेंशन और न्यूनतम पेंशन प्रदान करती है. UPS के तहत, 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा. वहीं, जिनकी कम से कम 10 साल की नौकरी पूरी हो चुकी है, उन्हें न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी. यदि पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार को उनकी अंतिम पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा.
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नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) क्या है?
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को सरकार ने 2004 में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के स्थान पर लागू किया. शुरुआत में यह सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, लेकिन 2009 से इसे सभी लोगों के लिए खोल दिया गया. NPS एक बाजार आधारित पेंशन योजना है, जहां कर्मचारी या व्यक्ति नियमित रूप से निवेश करते हैं और रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन मिलती है. NPS में पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती, यह पूरी तरह बाजार के प्रदर्शन और निवेश योजनाओं पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 30 साल की उम्र में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में हर महीने 10,000 रुपये का निवेश करता है और उस पर 8 फीसदी की अनुमानित वार्षिक रिटर्न मिलती है, तो रिटायरमेंट के समय उसका कुल कॉर्पस लगभग 1.5 करोड़ रुपये हो जाएगा. NPS नियमों के अनुसार, इस कॉर्पस का 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी खरीदने के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे उसे 6 फीसदी वार्षिक रिटर्न प्राप्त होगा. इस तरह, रिटायरमेंट के बाद उसे हर महीने 30,006 रुपये की पेंशन मिलेगी.
कौन सी योजना बेहतर?
नीचे दी गई टेबल में यह दिखाया गया है कि यदि कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी 90,000 रुपये है, तो उसे OPS, UPS और NPS के तहत कितनी पेंशन मिलेगी.
पेंशन योजना | कैसे तय होती है पेंशन? | मासिक पेंशन (₹90,000 बेसिक सैलरी पर) | महंगाई राहत (DA) जोड़ने के बाद कुल पेंशन (DA @ 53%) |
---|---|---|---|
OPS (Old Pension Scheme) | अंतिम 10 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% + DA | ₹45,000 | ₹68,850 |
UPS (Unified Pension Scheme) | अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% + DA | ₹45,000 | ₹68,850 |
NPS (National Pension Scheme) | बाजार आधारित, निवेश और रिटर्न पर निर्भर | ₹30,006 (अनुमानित) | बाजार के अनुसार परिवर्तनशील |
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