इतना पैसा बचाएंगे तब ओल्ड रिजीम बनेगी फायदेमंद, जानें कमाई और सेविंग का पूरा फॉर्मूला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नया टैक्स सिस्टम पहले से ज्यादा आकर्षक बना दिया है और ज्यादातर आईटीआर अब नई रिजीम के तहत ही भरे जाएंगे और टैक्सपेयर ज्यादा टैक्स बचत क्लेम नहीं करता तो भी नई टैक्स रिजीम फायदेमंद होगी लेकिन अगर आप पूरी तरह से टैक्स सेविंग ऑप्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो पुराना टैक्स सिस्टम अभी भी फायदे का सौदा हो सकती है. यहां जानें कैसे...

पुरानी टैक्स व्यवस्था में कम टैक्स चुकाने के लिए कितना बचाना होगा? Image Credit: Freepik/Canva

New vs Old Tax Regime: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स व्यवस्था में बदलाव कर दो तरीके के फायदे दिए हैं, एक तो 12.75 लाख रुपये तक की टैक्स माफी कर दी है और दूसरा, इससे ज्यादा इनकम वालों की भी टैक्स में बचत होगी. लेकिन अब तक कई लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स भरते आ रहे हैं. अपने CA से दोबारा कैलकुलेशन करवा कर आप ये समझना चाहेंगे कि अब किस रिजीम में फायदा होगा. टैक्सपेयर के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अब होम लोन, PPF, LIC, हेल्थ इंश्योरेंस, बच्चों की फीस जैसे फायदे बेमानी हो गए हैं. यानी बड़ी टैक्स सेविंग के बावजूद न्यू टैक्स रिजीम पुराने से बेहतर हो गई है. तो आज हम आपको इस कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. और हम यह भी बताएंगे कि न्यू टैक्स रिजीम जैसा फायदा लेने के लिए आपको ओल्ड टैक्स रिजीम में कितना पैसा बचाना होगा.

पुराने टैक्स सिस्टम कब फायदेमंद है?

  • इनकम 12.75 लाख: इसमें कैलकुलेशन की जरूरत नहीं, नई टैक्स रिजीम में जाकर जीरो टैक्स का फायदा उठाना ही बेहतर होगा.
  • इनकम 15 लाख: अगर आप सालभर में 5.43 लाख रुपये तक की टैक्स बचत कर सकते हैं, तो आपको पुरानी टैक्स व्यवस्था में भी नई टैक्स व्यवस्था जितना टैक्स लगेगा जो कि 97,500 रुपये है.
  • इनकम 18 लाख: इसके लिए आपको 6.41 लाख रुपये की टैक्स बचत चाहिए, ताकि पुराना और नया सिस्टम बराबर हो जाए और टैक्स 1,50,800 रुपये बने.
  • इनकम 20 लाख: इसके लिए आपको 7.08 लाख रुपये की टैक्स बचत चाहिए ताकि आपका टैक्स नई रिजीम जितना 1,92,400 बने.
  • इनकम 25 लाख: इसके लिए आपकी 8 लाख रुपये तक की टैक्स बचत होनी चाहिए, तभी पुराने सिस्टम में आप नए सिस्टम जितना टैक्स भर सकेंगे जो कि 3,19,800 होगा.

यहां देखें टेबल

इनकम (Rs)कितने डिडक्शन की पड़ेगी जरूरत (Rs)पुरानी टैक्स रिजीम में बनेगा टैक्स (Rs)नई टैक्स रिजीम में बनेगा टैक्स (Rs)
12.75 लाख तक की इनकमनई टैक्स रिजीम में जाना ही फायदेमेंद0
15 lakh5,43,75097,50097,500
18 lakh6,41,6671,50,8001,50,800
20 lakh7,08,3331,92,4001,92,400
25 lakh8,00,0003,19,8003,19,800
30 lakh8,00,0004,75,8004,75,800
40 lakh8,00,0007,87,8007,87,800
सोर्स: Value Research

नोट: ऊपर बताए गए टैक्स बचत के आंकड़ों में ओल्ड टैक्स रिजीम के 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन राशिपहले से शामिल नहीं की गई है. साथ ही, टैक्स के कैलकुलेशन में 4% सेस भी जोड़ा गया है.

क्या वास्तव में इतने डिडक्शन (टैक्स बचत) हासिल करना मुमकिन भी है?

15-18 लाख रुपये इनकम वालों के लिए करीब 5-6.5 लाख रुपये की टैक्स बचत करना यानी अपनी इनकम का 33 फीसदी पैसा बचाना क्या संभव है, इसका जवाब इतना आसान नहीं लगता है. इसी तरह 18 लाख से ज्यादा की इनकम वालों के लिए टैक्स सेविंग के लिए 30-35 फीसदी रकम निवेश करना, आज की महंगाई को देखते हुए मुश्किल है. साथ ही ऐसा भी नही है कि आप जितनी रकम चाहे उतनी सेव कर टैक्स सेविंग कर सकते हैं. इसके लिए भी इनकम टैक्स द्वारा एक लिमिट तय की गई है. आइए जानते हैं कि वह रकम कितनी है.

  • सेक्शन 80C- PPF, छोती बचत योजनाएं, आदि में 1.50 लाख तक की छूट
  • सेक्शन 80CCC- 1.50 लाख तक की छूट ये भी बचत 80 C की लिमिट में ही शामिल है
  • सेक्शन 80CCD(1B)- NPS में 50 हजार और NPS वातसल्य में अतिरिक्त 50 हजार तक की छूट
  • सेक्शन 80EEA- होम लोन ब्याज पर 2 लाख
  • सेक्शन 80D- हेल्थ इंश्योरेंस 25000
  • सेक्शन 80DDB- मेडिकल ट्रीटमेंट
  • सेक्शन 80G- डोनेशन

कुल मिलाकर अगर आप ज्यादा टैक्स बचत नहीं करते तो नई टैक्स रिजीम बेहतर हो सकती है. लेकिन अगर आप PPF, NPS, HRA, होम लोन ब्याज आदि में निवेश करते हैं, और टैक्स छूट की अधिकतम लिमिट तक निवेश करते हैं तो आप नई टैक्स रिजीम के बराबर फायदा ले सकते हैं.