बिजनेसमैन या हैं किसी कंपनी के कर्मचारी? जानिए नया और पुराना सिस्टम – कौन है आपके लिए बेस्ट?
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट बना दिया गया है, लेकिन क्या यह आपके लिए फायदेमंद है? पुराने टैक्स सिस्टम में ज्यादा डिडक्शन मिलते हैं, जबकि नए सिस्टम में कम टैक्स दरें हैं. जानिए दोनों टैक्स सिस्टम के फायदे, स्लैब रेट्स और कौन सा आपके लिए बेहतर रहेगा.
Old vs New tax regime: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए टैक्स भरने का सीजन शुरू हो चुका है और करदाताओं के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुराने टैक्स सिस्टम को अपनाएं या नए टैक्स सिस्टम को? सही चुनाव करने से आपका लाखों रुपये का टैक्स बच सकता है. सरकार ने इस बार नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट रूप से लागू कर दिया है, जिसका मतलब है कि जब तक आप पुराना सिस्टम नहीं चुनते, नया सिस्टम ही लागू रहेगा. लेकिन क्या यह वास्तव में फायदेमंद है? आइए विस्तार से समझते हैं दोनों टैक्स सिस्टम और जानते हैं कि किसके लिए कौन सा विकल्प सही रहेगा.
कैसे करें टैक्स व्यवस्था का चयन?
- सैलेरीड व्यक्ति – आप ITR फाइल करते समय पुरानी व्यवस्था चुन सकते हैं.
- बिजनेस इंडिविजुअल्स – Form-10EA भरकर पुरानी टैक्स व्यवस्था में स्विच कर सकते हैं, जो आयकर अधिनियम की धारा 139(1) के तहत फाइल करना होगा.
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था के लिए टैक्स स्लैब (FY 2024-25)
पुरानी टैक्स व्यवस्था
वर्ग | आयकर दर |
---|---|
60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति | |
₹2.5 लाख तक | कोई टैक्स नहीं |
₹2.5 लाख – ₹5 लाख | 5% |
₹5 लाख – ₹10 लाख | 20% |
₹10 लाख से ऊपर | 30% |
60 से 80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिक | |
₹3 लाख तक | कोई टैक्स नहीं |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 5% |
₹5 लाख – ₹10 लाख | 20% |
₹10 लाख से ऊपर | 30% |
80 वर्ष से अधिक सुपर सीनियर सिटीजन | |
₹5 लाख तक | कोई टैक्स नहीं |
₹5 लाख – ₹10 लाख | 20% |
₹10 लाख से ऊपर | 30% |
नई टैक्स व्यवस्था
कुल आय | टैक्स दर |
---|---|
₹3 लाख तक | कोई टैक्स नहीं |
₹3 लाख – ₹7 लाख | 5% |
₹7 लाख – ₹10 लाख | 10% |
₹10 लाख – ₹12 लाख | 15% |
₹12 लाख – ₹15 लाख | 20% |
₹15 लाख से ऊपर | 30% |
पुराने और नए टैक्स सिस्टम में छूट और डिडक्शन का अंतर
विवरण | पुराना टैक्स सिस्टम | नया टैक्स सिस्टम |
---|---|---|
स्टैंडर्ड डिडक्शन | ₹50,000 | ₹75,000 |
सेक्शन 80C छूट | उपलब्ध | नहीं |
स्वास्थ्य बीमा पर छूट (80D) | उपलब्ध | नहीं |
होम लोन पर ब्याज छूट | दोनों प्रकार की संपत्ति के लिए | केवल किराए पर दी गई संपत्ति के लिए |
HRA छूट | उपलब्ध | नहीं |
प्रोफेशनल टैक्स | उपलब्ध | नहीं |
इलेक्ट्रिक वाहन लोन पर ब्याज छूट (80EEB) | उपलब्ध | नहीं |
नए टैक्स सिस्टम में “डिफॉल्ट” क्या है और आप कैसे बदलाव कर सकते हैं?
सरकार ने नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट रखा है, यानी अगर आप अलग से कुछ नहीं चुनते हैं तो ऑटोमैटिक रूप से नया टैक्स सिस्टम लागू हो जाएगा.
- अगर आप सैलरीड व्यक्ति हैं तो ITR फाइल करते समय पुराने टैक्स सिस्टम को चुन सकते हैं.
- अगर आप बिजनेसमैन हैं तो पुराने टैक्स सिस्टम को चुनने के लिए फॉर्म 10EA भरना होगा और इसे आयकर रिटर्न की नियत तिथि से पहले जमा करना होगा.
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मार्जिनल रिलीफ – क्या आपको फायदा मिलेगा?
नए टैक्स सिस्टम में मार्जिनल रिलीफ का विकल्प दिया गया है. अगर आपकी आय 7 लाख रुपये है, तो आपको पूरी तरह टैक्स छूट मिल जाएगी लेकिन अगर आपकी आय 7,01,000 रुपये हो गई, तो आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा. मार्जिनल रिलीफ की वजह से सिर्फ अतिरिक्त 1,000 रुपये पर ही टैक्स लगेगा न कि पूरी राशि पर.