Tax Saving: 31 मार्च आ रहा करीब, इनकम टैक्‍स बचाने को कर लें ये उपाय

अगर आप टैक्स बचाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास लगभग 3 महीने बचे हैं.. आइए जानते है उन इन्वेस्टमेंट ऑप्‍शंस के बारे में जिनमें निवेश कर आप इनकम टैक्‍स की देनदारी घटा सकते हैं. अंतिम कुछ दिनों में टैक्‍स सेविंग के विकल्‍प चुनने में जल्‍दबाजी करना, आर्थिक रूप से नुकसान भी पहुंचा सकता है.

टैक्स सेविंग Image Credit: freepik.com

अब से लगभग तीन महीने बाद यानी 31 मार्च 2025 को वित्त वर्ष 2024-25 खत्म हो जाएगा. जिसके बाद नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो जाएगी. अगर आप टैक्‍स देते हैं और कर बचत के पुराने उपायों का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको 31 मार्च 2025 से पहले ही पुख्‍ता इंतजाम करना होगा. क्योंकि जिस वित्त वर्ष के लिए आप टैक्स छूट का दावा करते हैं, उसके लिए जरूरी है कि आप उसी वित्‍त में टैक्‍स बचाने का उपाय करें.

अगर आप वित्त वर्ष 2024-25 के लिए टैक्स छूट का लाभ लेना चाहते हैं और 31 जुलाई 2025 से पहले अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की योजना बना रहे हैं, तो 31 मार्च 2025 की समय सीमा तक निवेश पूरा करना होगा. आइए जानते है उन इन्वेस्टमेंट ऑप्‍शंस के बारे में जिनमें निवेश कर आप अपनी टैक्‍स देनदारी घटा सकते हैं.

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80c के तहत टैक्स सेविंग

आप राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), पीपीएफ (Public Provident Fund) और यूलिप (Unit-Linked Insurance Plan) जैसे ऑप्शन में पैसा लगाकर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं.

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80cc के तहत टैक्स सेविंग

अगर आप जीवन बीमा कंपनियों की पेंशन योजनाओं में निवेश करते हैं, तो आपको 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है.

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80CCD (1) के तहत टैक्स सेविंग

नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) में जमा की गई राशि पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट ली जा सकती है.

ऐसे में बता दें कि धारा 80सी, 80सीसीसी और 80सीसीडी(1) के तहत कटौती का लाभ उठाने की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है.

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80डी के तहत टैक्स बचत

इसके जरिए एक टैक्स पेयर आयकर अधिनियम, 1962 की धारा 80डी के तहत खुद या अपनी पत्नी या फिर अपने माता-पिता और बच्चों के लिए मेडिकल इंश्योरेंस में पेमेंट किए गए प्रीमियम पर टैक्स कटौती का दावा कर सकता है. एक वित्त वर्ष में सामान्य लोगों के लिए इसकी अधिकतम सीमा 25,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिक के लिए 50,000 रुपये है.

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त छूट

इसके तहत एनपीएस (NPS) में निवेश करने पर 50,000 रुपये तक की एक्ट्रा टैक्स छूट ली जा सकती है, जो 80सी की सीमा से अलग है.

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