EPS: प्राइवेट सेक्टर में भी 10 साल जॉब के बाद मिलती है पेंशन, जानें कैसे उठाएं इस योजना का लाभ

प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लाखों लोगों के लिए सरकार की यह स्कीम काफी कारगर है. क्योंकि सरकारी कर्मचारियों की तरह प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वालों को भी सरकार की इस योजना से पेंशन मिलता है. आइए जानते हैं इस योजना के बारे में साथ ही इसका लाभ उठाने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए.

कर्मचारी पेंशन योजना Image Credit: tv9 भारतवर्ष

Employees’ Provident Fund Organisation: प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लाखों लोगों के लिए यह सवाल हमेशा से बड़ा रहा है कि रिटायरमेंट के बाद उनकी इनकम सोर्स का क्या होगा. सरकारी कर्मचारियों की तरह पेंशन की सुविधा प्राइवेट सेक्टर में नहीं होती, लेकिन अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य हैं, तो आपके लिए यह संभव है. कर्मचारी पेंशन योजना जो 16 नवंबर 1995 को शुरू की गई थी, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को पेंशन का अधिकार देती है. इस योजना के तहत, यदि आपने 10 साल तक नौकरी की है और आपकी उम्र 58 साल हो चुकी है, तो आप पेंशन के हकदार बन सकते हैं.

कैसे काम करती है EPS?

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन की गणना आपकी सर्विस पीरियड और सैलरी के आधार पर होती है. इस योजना में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है. कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12% पीएफ में जमा करता है और वहीं कंपनी की ओर से जमा की गई राशि को दो भागों में बांटा जाता है जिसमें पहला भाग 8.33% ईपीएस (पेंशन स्‍कीम) में जाता है और दूसरा भाग 3.67% पीएफ में जाता है. ईपीएस के तहत दिया जाने वाला अमाउंट ही कर्मचारियों की पेंशन की राशि को तय करता है.

मान लीजिए किसी कर्मचारी का मासिक वेतन 15,000 रुपया है और उसने 10 साल तक लगातार नौकरी की है. ऐसे में वह कितने पेंशन का हकदार होगा. इसके लिए पेंशन की गणना के लिए एक सरल फार्मूला अपनाया जाता है:
पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × सेवा अवधि) ÷ 70
इस उदाहरण में, कर्मचारी की मासिक पेंशन 2,143 रुपये होगी.

जल्दी पेंशन पाने का ऑप्शन

अगर कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र से पहले पेंशन लेना चाहता है, तो यह भी संभव है. इसके लिए उसकी न्यूनतम उम्र 50 वर्ष होनी चाहिए और 10 साल की सेवा पूरी होनी चाहिए. हालांकि, शीघ्र पेंशन लेने पर पेंशन की राशि कम हो जाती है.

क्या हैं इस योजना की चुनौतियां?

हालांकि EPS एक अच्छी पहल है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं. न्यूनतम पेंशन राशि केवल 1,000 रुपये प्रति माह है, जो मौजूदा महंगाई के हिसाब से बेहद कम है. 2025 का बजट में पेंशनधारकों को उम्मीद है कि पेंशन की इस राशि को कम से कम 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए. इसके लिए पेंशन धारकों की एक टीम हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात किया था. इसके अलावा, यह योजना केवल संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को कवर करती है. अनौपचारिक क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारी इससे वंचित रह जाते हैं.

अगर आप प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं और रिटायरमेंट के बाद पेंशन चाहते हैं, तो EPFO की इस योजना का लाभ उठाना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इस योजना की शर्तों और लाभों को ध्यान में रखते हुए आप अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं.

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