75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को नहीं देना होगा टैक्स? क्या है इस दावे की असल सच्चाई; जानें क्या बोली सरकार

सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित टैक्स का दावा किया जा रहा है. मैसेज में दावा किया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में राहत मिलेगी. इसमें यह भी कहा गया था कि केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है कि इन लोगों को टैक्स से छूट दी जाएगी.

पेंशन से संबंधित एक फेक न्यूज Image Credit: money9live.com

आज सोशल मीडिया के दौर में अक्सर फेक न्यूज तेजी से फैलती है. कई बार ऐसी झूठी खबरें इतनी वायरल हो जाती हैं कि सरकार को इस पर स्पष्टता देनी पड़ती है. हाल ही में एक मामला पेंशन से जुड़ा है. पेंशन से संबंधित एक फेक न्यूज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही थी, जिसे लेकर प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इसे गलत जानकारी करार दिया है. PIB ने इस दावे की फैक्ट-चेकिंग की और इस पर अपनी स्पष्टता दी है. आइए जानते हैं कि सोशल मीडिया पर क्या फेक न्यूज वायरल हो रही थी और उसकी असलियत क्या है.

क्या हो रहा था वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में दावा किया गया था कि भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, इसलिए 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स नहीं देना होगा. इस मैसेज में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है कि इन लोगों को टैक्स से छूट दी जाएगी. इसमें यह भी बताया गया कि भारत में वरिष्ठ नागरिक मुख्यत पेंशन और अन्य स्कीम से होने वाली इनकम पर निर्भर रहते हैं.

इस फेक मैसेज में दावा किया गया था कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में वरिष्ठ नागरिकों को अब अपनी आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा और उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी. मैसेज में यह भी कहा गया था कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने इस संबंध में कानून में बदलाव किया है.

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क्या है असली हकीकत

फर्जी खबरों का पर्दाफाश करते हुए प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने अपने फैक्ट-चेक में कहा, “75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स नहीं देने संबंधी दावा फर्जी है.” PIB ने स्पष्ट किया कि 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, जिनकी आय केवल पेंशन और ब्याज से होती है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट दी गई है. यह नियम आयकर अधिनियम की धारा 194पी के तहत लागू है. यदि उनकी आय पर टैक्स लागू होता है, तो इसकी गणना बैंक द्वारा की जाती है और उसी के अनुसार टैक्स काट लिया जाता है.