अब 300 यूनिट तक आपको भी मिलेगी फ्री बिजली, फायदे के लिए जल्द करें यहां अप्लाई
लाभार्थी परिवारों को सब्सिडी के रूप में 1 किलोवाट सिस्टम के लिए 30,000 रुपये, 2 किलोवाट सिस्टम के लिए 60,000 रुपये और 3 किलोवाट या उससे अधिक सिस्टम के लिए 78,000 रुपये दिए जाएंगे. अगर आपके पास छत है, तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
अगर आप बिजली बिल भरते-भरते परेशान हो गए हैं, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप केंद्र सरकार की इस योजना के तहत अपने बिजली बिल को शून्य कर सकते हैं. यानी आपके घर में बल्ब जलेंगे और पंखे भी चलेंगे, लेकिन बिजली बिन नहीं आएगा. बस इसके लिए आपको पीएम-सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना (पीएम-एसजीएमबीवाई) का लाभार्थी बनना होगा और अपने घर की छत पर सोलर पैनल इन्स्टॉल करना होगा.
दरअसल, केंद्र सरकार बिजली की बढ़ती खपत का कम करने के लिए सोलर एनर्जी का बढ़ावा दे रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल फरवरी में पीएम-सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना (पीएम-एसजीएमबीवाई) शुरू की. इस योजना के ऊपर सरकार 75,021 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस योजना का लक्ष्य देश भर में एक करोड़ घरों की छत पर सोलर पैनल लगाना है. इससे हर महीने प्रत्येक घरों को 300 यूनिट तक मुफ़्त बिजली मिलेगी.
इनको मिलेगा योजना का लाभ
अगर आप भारत के नागरिक हैं, तो योजना के लाभार्थी बन सकते हैं. साथ ही आपके घर पर छत होनी चाहए. यानी आप इस योजना के तहत सब्सिडी के पैसे अपने घर की छत पर सौलर पैनल लगाते हैं, तो आपको बिजली बिल से छुटकारा मिल जाएगा. क्योंकि इस पैनल से हर महीने 300 यूनिट बिजली बनेगी. ऐसे सरकार सरकार ने पीएम-एसजीएमबीवाई के लिए 75,021 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. ये राशि उपभोक्ताओं को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी.
कितनी मिलेगी सब्सिडी
लाभार्थी परिवारों को सब्सिडी के रूप में 1 किलोवाट सिस्टम के लिए 30,000 रुपये, 2 किलोवाट सिस्टम के लिए 60,000 रुपये और 3 किलोवाट या उससे अधिक सिस्टम के लिए 78,000 रुपये दिए जाएंगे. इस राशि से आप अपनी छत पर सोलर पैनल इन्स्टॉल कर सकते हैं. प्रत्येक जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिए एक मॉडल सोलर विलेज भी होगा.
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यहां करें पंजीकरण
अगर आपके पास छत है, तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहला काम राष्ट्रीय रूफटॉप सोलर पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर पंजीकरण करना होगा. पंजीकृत होने के बाद, आप पोर्टल पर एक क्यूरेटेड सूची से विक्रेता का चयन कर सकते हैं. ये विक्रेता पहले से ही स्थानीय वितरण कंपनियों (DISCOM) के साथ पंजीकृत हैं, जो विश्वसनीयता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं. भविष्य में, प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करने के लिए एक राष्ट्रीय विक्रेता रजिस्ट्री शुरू की जा सकती है.
योजना से पैदा होगा रोजगार
वहीं, सरकार का मानना है कि इस योजना से मैन्युफैक्चरिंग, लोजिस्टिक्स, इन्स्टॉलमेंट, संचालन से संबंधित सेवाओं में 17 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं. इससे भारत के हरित ऊर्जा एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. सरकार को उम्मीद है कि इसकी इस पहल से पूरे देश में 30 गीगावाट सौलर क्षमता बढ़ेगी, जिससे 25 वर्षों में 720 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी.
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