इनकम की टेंशन खत्म! सरकार की इस योजना से पाएं हर महीने ₹9,250 की गारंटी
हर महीने ₹9,250 की गारंटीशुदा आय के साथ सरकार की यह योजना आपके फाइनेंस को बदल सकती है. जानिए क्या है इस योजना की खासियत और आप कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं...
अगर आप एक सुरक्षित निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं, जो हर महीने आपको स्थिर इनकम दे और सरकार की गारंटी के साथ आता हो, तो यह खबर आपके लिए है. डाकघर मासिक आय योजना (POMIS) आपको हर महीने एक अच्छी कमाई का बेहतरीन मौका देता है. यह योजना रिटायरमेंट प्लानिंग, अतिरिक्त आय के लिए या बचत को स्थिर आय में बदलने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है.
डाकघर मासिक आय योजना (POMIS) एक छोटी बचत योजना (Small Saving Scheme) है, जो हर महीने स्थिर आय देने के लिए बनाई गई है.
योजना के मुख्य बिंदु
- न्यूनतम जमा राशि: इस योजना में खाता खोलने के लिए आपको कम से कम ₹1,000 जमा करने होंगे. इसके बाद आप ₹1,000 के गुणकों में निवेश कर सकते हैं.
- अधिकतम जमा राशि: अगर आप अकेले खाता खोल रहे हैं, तो अधिकतम ₹9 लाख जमा कर सकते हैं. अगर खाता तीन व्यक्तियों के नाम पर है, तो कुल मिलाकर अधिकतम ₹15 लाख जमा किए जा सकते हैं. यह राशि सभी खाताधारकों के बीच बराबर बंटी होगी.
- अवधि: यह योजना 5 सालों की एक निश्चित अवधि के लिए है. 5 साल के बाद आपका खाता मैच्योर हो जाएगा और आपको आपकी मूल राशि वापस मिल जाएगी.
- ब्याज दर (2024): वर्तमान में इस योजना पर सालाना 7.4% की दर से ब्याज मिलता है. यह ब्याज हर महीने आपकी बचत खाते में जमा होता है.
कौन खोल सकता है खाता?
- 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति अपने नाम से खाता खोल सकता है.
- आप 3 वयस्कों के साथ मिलकर संयुक्त खाता खोल सकते हैं. संयुक्त खाते में सभी का शेयर समान होगा.
- माता-पिता या कानूनी अभिभावक नाबालिग बच्चों या मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति के लिए खाता खोल सकते हैं.
मासिक आय की गणना कैसे करें?
आपकी मासिक आय आपके द्वारा जमा की गई राशि और ब्याज दर पर निर्भर करती है. इसे निम्नलिखित फॉर्मूला से निकाला जा सकता है:
मासिक आय = जमा राशि × ब्याज दर ÷ 12
उदाहरण:
- अगर आपने ₹5 लाख जमा किए हैं, तो आपको हर महीने ₹3,083 मिलेंगे.
- ₹9 लाख जमा करने पर ₹5,550 मिलेंगे.
- ₹15 लाख जमा करने पर ₹9,250 मिलेंगे.
योजना की प्रमुख विशेषताएं
इस योजना के तहत ब्याज का भुगतान हर महीने किया जाता है. इसे सीधे आपके बचत खाते में ECS (इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम) के माध्यम से क्रेडिट किया जाता है. आप खाता खोलने के 1 साल बाद अपने पैसे निकाल सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको पेनल्टी अमाउंट का भुगतान करना होगा. खाता धारक की मृत्यु होने पर, खाता नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित किया जाता है.